Amit Shah West Bengal Election: पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी है। कोलकाता पहुंचे अमित शाह ने रात 12 बजे तक बैठक की और उन्होंने कहा कि वे यहां हर माह आएंगे और एक सप्ताह तक रहेंगे। शाह के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष ने पार्टी की राज्य इकाई को कहा कि वे किसी बात को लेकर चिंता नहीं करें। शाह ने भाजपा पदाधिकारियों से कहा कि वह अप्रैल और अक्टूबर के बीच महीने में कम से कम एक बार राज्य का दौरा करेंगे और त्यौहारी सीजन से एक सप्ताह यहां बिताएंगे।
टेलिग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में शामिल हुए एक व्यक्ति ने बताया, “शाह ने कहा कि वे अप्रैल से हर महीने कम से कम एक बार बंगाल आएंगे। अक्टूबर से वे हर महीने एक सप्ताह समय राज्य में बीताएंगे।” शाह ने कई दौर बैठकें की। पहले बंगाल के पार्टी सांसदों के साथ, फिर संगठन के 38 जिलाध्यक्षों, पर्यवेक्षकों और विधायकों के साथ और अंत में बंगाल के वरिष्ठ नेताओं के साथ, जिनमें महासचिव, पूर्व अध्यक्ष- केंद्रीय और केंद्रीय मंत्री शामिल थे। उनकी अंतिम बैठक रात करीब 11 बजकर 40 मिनट पर समाप्त हुई और इसके बाद वे दिल्ली निकल गए।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी के किसी भी वरिष्ठ नेता ने कभी भी बंगाल इकाई के साथ इतना समय नहीं बिताया और यह प्रयास पार्टी को उत्साहित करने के लिए पर्याप्त था। एक सूत्र ने कहा, “कई दौर की बैठक में उन्होंने (शाह) खुद कम बात की और नेताओं को अपने विचार साझा करने की अनुमति दी।”
कई भाजपा नेताओं ने कहा कि शाह ने पदाधिकारियों को बार-बार कहा कि वह बंगाल इकाई के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और उन्हें बंगाल में जमीनी हकीकत की पूरी जानकारी है। एक सूत्र ने बताया, “कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए शाह ने कहा कि आज नड्डा जी के बेटे की शादी थी, फिर भी वे हिमाचल से बंगाल आए हैं।”
बंगाल को लेकर पार्टी की केंद्रीय इकाई की गंभीरता को समझाने की कोशिश को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कुछ पदाधिकारियों ने शाह को बताया कि पार्टी में एक वर्ग का मानना है कि बीजेपी के शीर्ष अध्यक्ष और ममता बनर्जी के बीच एक गुप्त समझौता है। इस चर्चा की वजह भुवनेश्वर में अमित शाह और ममता बनर्जी की मुलाकात और जनवरी महीने में नरेंद्र मोदी के कोलकाता दौरे के दौरान ममता की बैठक बताई गई। एक सूत्र ने बताया, “शाह ने बैठक में समझाया कि केंद्रीय मंत्री होने की वजह से यह उनकी जिम्मेदारी थी और यही बात प्रधानमंत्री के भी साथ थी।”