Bilkis Bano case: बिलकिस मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के अपने ही फैसले को सुप्रीम कोर्ट रिव्यू करेगा। सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई 13 दिसंबर को करने जा रहा है। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच मामले को देखेगी।
इससे पहले आज की सुनवाई के दौरन सीजेआई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि वो बिलकिस की उस याचिका को जल्दी लिस्ट कराएंगे जिसमें उस फैसले को रिव्यू करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने गोधरा कांड के 11 दोषियों को रिहा करने के लिए गुजरात सरकार की याचिका को अनुमति प्रदान की थी।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने ये बात तब कही जब एडवोकेट शोभा ने बताया कि बिलकिस की रिव्यू पटीशन को अभी तक लिस्ट नहीं किया गया है। उनका कहना था कि इसकी संभावित तारीख 5 दिसंबर बताई गई थी। सीजेआई ने कहा कि उन्हें लगता है कि मामले को लेकर कोई तारीख तय की गई है। वो इस बारे में पता करेंगे। फिर कोर्ट को बताया गया कि 13 को सुनवाई तय की जा चुकी है।
जानें कब रिव्यू का क्या है तरीका
अपने फैसलों पर रिव्यू यानि फिर से विचार करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का एक तरीका है। जिन जजों ने फैसला दिया होता है उनके साथ एक चेंबर में फैसले के पहलुओं पर डिस्कसन होता हैं। बिलकिस बानो ने उस फैसले को चुनौती दी है जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों को समय से पहले रिहा करने का निर्णय दिया था। बिलकिस का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर फिर से गौर करने की जरूरत है।
बिलकिस के साथ 2002 के गोधरा दंगों के दौरान रेप हुआ था। उसके परिवार के कई सदस्यों की हत्या भी हुई थी। कोर्ट ने 11 लोगों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई थी। लेकिन इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की उस अपील को स्वीकार कर लिया था, जिसमें बिलकिस मामले के 11 दोषियों को अच्छे चाल चलन के आधार पर रिहा करने की अपील की गई थी। सरकार ने 1992 के Remission Rules के तहत ये याचिका दायर की थी।
बिलकिस मामले के दोषियों को गुजरात चुनाव से ऐन पहले रिहा किया गया था। उसे लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने भी बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला था। लेकिन मामला फिर से उस समय सरगर्म हुआ जब बिलकिस ने फैसले के रिव्यू को लेकर याचिका दायर की।
