Charles Sobhraj The Bikini killer: Globe के सबसे शातिर अपराधियों में शुमार किया जाने वाला Bikini killer चार्ल्स शोभराज बचपन से ही ऐसे माहौल में पला बढ़ा जहां से जरायम की दुनिया में उसका जा पहुंचना लाजिमी था। उसके माता पिता एक साथ रहते थे। चार्ल्स को उन्होंने जन्म दिया। लेकिन दोनों ने कभी शादी नहीं की।

चार्ल्स को सदमा तब लगा जब उसकी मां ने फ्रांस के एक सैनिक से शादी कर ली। चार्ल्स गया तो मां के साथ। लेकिन वहां से उसके कदम ऐसे भटके कि वो जरायम की दुनिया का ऐसा नाम बन गया जिसकी मिसाल तकरीबन हर जगह है। वारदात को अंजाम देने का उसका तरीका इतना ज्यादा शातिर था कि दुनिया की पुलिस कई बार चक्कर में पड़ी। वो जेल तो कई बार गया पर ऐसा जादू चलाता था कि पुलिस ही उसे विदा कर देती थी।

शिकार करने के बाद पासपोर्ट अपने साथ ले जाता था

चार्ल्स को Bikini killer कहा जाता है। कहते हैं कि उसकी शिकार लड़कियों की लाशें अक्सर इसी ड्रेस में मिलती थीं। पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो उसने ये बात मानी भी। लेकिन कई हत्याओं में नामजद चार्ल्स ऐसा क्यों करता था, इसके बारे में जानकारी बहुत कम है। एक बात जरूर पता चली है कि वो शिकार करने के बाद पासपोर्ट अपने साथ ले जाता था। वो उसकी पहचान पर फिर से किसी दूसरी जगह निकल जाता था, जहां किसी और वारदात को अंजाम दे सके। चार्ल्स की पर्सनेलिटी इतनी ज्यादा चार्मिंग थी कि कोई भी उसकी बातों में आ जाता था।

नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने उसे रिहा तो कर दिया लेकिन ये आदेश भी दिया कि उसे 15 दिनों के भीतर फ्रांस के हवाले कर दिया जाए। वो फ्रांस का नागरिक है और वहां की पुलिस को कई मामलों में उसकी तलाश है। चार्ल्स फिलहाल 78 साल का है। उसके फिर से वारदात करने की संभावना कम से कम है। लेकिन उसके इतिहास को देखकर फ्रांस की पुलिस भी उसे चांस नहीं लेने देगी। उसका शगल ही ऐसा रहा है कि कोई उस पर यकीन कम ही करेगा। भारतीय पिता और वियतनामी मां की संतान शोभराज Saigon में जन्मा था। ये इलाका फ्रांस के कब्जे में था। मां की शादी के समय वो टीनएज था। तभी से उसका मन उखड़ा और वो अपराध की दुनिया में आ गया। होश संभालते ही पुलिस और जेल से उसका परिचय़ हुआ।

किसी पर भरोसा नहीं करता था चार्ल्स

तिहाड़ जेल के प्रभारी तब जेपी नथानी थे जब शोभराज को 1976 में हुए हत्या के केस में अंदर डाला गया। उसने अपनी तीन महिला दोस्तों के साथ नई दिल्ली में कुछ फ्रांस के स्टूडेंट्स को फुसलाया और उन्हें जहरीली चीज खिला दी। उनमें से एक-दो बच गए। उन्होंने पुलिस को सारी कहानी बताई तो कड़ी मशक्कत के बाद चार्ल्स काबू हुआ। उसे 10 साल की सजा मिली। नथानी बताते हैं कि वो आकर्षक चेहरे का मालिक होने के साथ बातों का जादूगर था। वो लड़कियों को पलक झपकते अपना बना लेता था। उसके प्यार में पागल होकर कई उससे शादी करने को भी तैयार थीं। कुछ मामलों में शादी रजिस्टर भी कराई गई। लेकिन चार्ल्स अपनी तरह की शख्सियत था। वो किसी पर भरोसा नहीं करता था।

भारत में अपनी सजा पूरी होने से पहले वो भाग निकला। वो पकड़ा गया तो उस पर फिर से मुकदमा हुआ। उलने बर्थ डे सेलिब्रेशन के नाम पर जवानों को जहर खिला दिया था। हालांकि उसके दोबारा पकड़े जाने के पीछे एक कहानी भी बताई जाती है। वो चाहता था कि भारत की जेल में रहे। अपनी 10 साल की सजा पूरी होने से पहले वो भागा और पकड़ा गया। वो भारत की ही जेल में रहा। अगर सजा पूरी हो जाती तो उसे थाईलैंड भेजा जाता। वहां वो पांच हत्याओं में वांटेड था। मौत की सजा उसे हर हाल में मिलती। चार्ल्स भारत की जेल से 1997 में रिहा हुआ। उस समय तक बैंकाक की वारदातों को 20 साल गुजर चुके थे। कानूनी तौर पर अब उस पर मुकदमा नहीं चल सकता था। भारत से रिहा होने के बाद वो फ्रांस भेजा गया।

2003 में वो नेपाल गया। वहां पकड़ा गया। उसने वहां अमेरिकन महिला Connie Jo Bronzich की हत्या की थी। उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई। उस पर लिखी किताब Serpentine एक तरह से बायोग्राफी है। इसमें उसके जीवन की झलक मिलती है। शोभराज के बारे में कहा तो ये भी जाता है कि वो तालिबान के लिए हथियारों का सौदा करने में भी एक्टिव था। उसका ताल्लुक अमेरिकन खुफिया एजेंसी से भी रहा है।