बिहार में एक बड़ा रेल हादसा टल गया और सैकड़ों यात्रियों की जान बाल-बाल बच गई। मुंबई जाने वाली पवन एक्सप्रेस टूटे पहिए के साथ 10 किलोमीटर तक दौड़ती रही। ये घटना मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेल सेक्शन पर रविवार देर रात की बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रेन जैसे ही मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन (Muzaffarpur railway station) से रवाना हुई, यात्रियों को S-11 कोच में तेज आवाज सुनाई दी।
यात्रियों की सूझबूझ से टला रेल हादसा
हालांकि कथित तौर पर ट्रेन को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया और तेज रफ्तार ट्रेन भगवानपुर रेलवे स्टेशन (Bhagwanpur railway station) पर पहुंच गई। एक यात्री राजू कुमार ने समाचार एजेंसी IANS को बताया कि जब ट्रेन भगवानपुर रेलवे स्टेशन से रवाना हुई, तो यात्रियों ने चेन खींचकर उसे रोक दिया। फिर यात्रियों ने यह जानकारी रेलवे कर्मचारियों के अलावा ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड को दी।
निरीक्षण के दौरान पता चला कि S-11 कोच का एक पहिया टूट गया था, जिसके बाद रेलवे के इंजीनियर और कर्मचारी रेलवे स्टेशन पहुंचे और उसकी मरम्मत की। इसके बाद यात्रियों को राहत मिली और ट्रेन को रवाना किया गया। हाजीपुर के पूर्वी मध्य रेलवे के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि हमें सूचना मिली कि पवन एक्सप्रेस का एक पहिया टूट गया है। हमारी टीम वहां पहुंची और खराबी को ठीक किया गया।
ओडिशा में तीन ट्रेनों की टक्कर में गई थी 291 की जान
बता दें कि पिछले महीने ही ओडिशा में एक बड़ा रेल हादसा हुआ था और 291 यात्रियों की जान चली गई थी। इस हादसे में हजार से अधिक यात्री घायल भी हुए थे। इस हादसे में तीन ट्रेनों की टक्कर हुई थी, जिसके बाद स्थल पर चीख पुकार मच गई थी। हादसा इतना खतरनाक था कि ये पिछले तीन दशक का सबसे बड़ा रेल हादसा था। हादसे के बाद मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी घटनास्थल पर पहुंचे थे।
हादसे में दर्जनों घायल यात्रियों का इलाज अभी भी भुवनेश्वर के एम्स में चल रहा है। कई शवों की पहचान भी अभी तक नहीं हो पाई है और वे अभी भी शवगृह में लावारिस हालत में पड़े हुए हैं।