गणतंत्र दिवस की परेड में इस बार भी बिहार की झांकी नहीं दिखाई देगी। दरअसल केन्द्र सरकार ने बिहार की प्रस्तावित झांकी को प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है। बिहार की प्रस्तावित झांकी ‘जल जीवन हरियाली मिशन’ पर आधारित थी। पीटीआई के हवाले से यह खबर आयी है। दिल्ली स्थित बिहार इन्फोर्मेशन सेंटर के सूत्रों ने भी इस खबर की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि बिहार की झांकी, केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों की झांकियों के लिए तय किए गए जरूरी मानकों को पूरा नहीं कर रही थी, जिसके चलते केन्द्र सरकार ने उसे रिजेक्ट करने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने अक्टूबर, 2019 में “जल जीवन हरियाली मिशन” योजना को बड़े जोर-शोर से लागू किया था। नीतीश सरकार की इस योजना का उद्देश्य राज्य में हरियाली बढ़ाने और भूजल के स्तर को सुधारना है। यही वजह है कि बिहार सरकार ने गणतंत्र दिवस की परेड में भी अपनी इसी योजना की झांकी पेश करने का फैसला किया था, लेकिन अब केन्द्र सरकार द्वारा इसे रिजेक्ट करने से बिहार सरकार की योजना को बड़ा झटका लगा है।
वहीं बिहार की झांकी निरस्त होने के बाद विपक्षी पार्टी राजद ने केन्द्र की एनडीए सरकार पर निशाना साधा और बिहार के लोगों का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया। राजद ने कहा कि ‘एनडीए सरकार ने पहले बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से इंकार किया और अब बिहार की झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल करने से इंकार कर दिया है। यह भाजपा की ‘डबल इंजन’ वाली सरकार की सच्चाई है।’
उल्लेखनीय है कि यह तीसरी बार है कि जब बिहार की झांकी गणतंत्र दिवस की परेड में नहीं दिखाई देगी। इससे पहले साल 2017, 2018 में भी बिहार की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने की इजाजत नहीं मिली थी। साल 2018 में बिहार ने महापर्व छठ की थीम पर झांकी भेजी थी। वहीं साल 2017 में बिहार सरकार ने बिक्रमशिला थीम पर झांकी भेजी थी, जिसे भी केन्द्र सरकार द्वारा निरस्त कर दिया गया था।