लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और माफिया सरगना मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शुक्रवार (30 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत रद्द किए जाने के बाद सीवान में समर्पण कर दिया। जेल जाने से पहले जब शहाबुद्दीन से मीडिया ने पूछा कि क्या नीतीश कुमार पर बयान देने के कारण उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ा रहा है तो उन्होंने कहा, “जो सच है उसे बोलने में हमें कोई परवाह नहीं है। न कभी था, न कभी है। मेरे समर्थक बता देंगे उनको आगे वाले इलेक्शन में कि क्या होना है।” हत्या के एक मामले में पटना हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शहाबुद्दीन ने कहा था कि नीतीश कुमार उनके नेता नहीं हैं, उनके नेता लालू यादव हैं। जमानत रद्द होने के बाद समर्पण करते समय शहाबुद्दीन ने कहा, “मैं न्यायपालिका का सम्मान करता हूं, मुझे फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या कहते हैं।”
देखें मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत कैसे रद्द हुई-
सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन को समर्पण करने के लिए कहने के साथ ही निचली अदालत से राजीव रोशन हत्या मामले में तेज सुनवाई करने के लिए भी कहा है। राजीव रोशन हत्या मामले में आरोपी शहाबुद्दीन को पटना हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। उनकी जमानत के खिलाफ राजीव के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद (चंदा बाबू) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। उनकी अपील के बाद बिहार सरकार ने सर्वोच्च अदालत से शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 19 सितंबर को शहाबुद्दीन को अपना पक्ष रखने के लिए कहा ता। गुरुवार को जस्टिस पीसी घोष और अमितावा रॉय की खंडपीठ ने मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शहाबुद्दीन पर 40 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। हत्या के एक मामले में निचली अदालत ने शहाबुद्दीन को उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी। जिसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में अपील कर रखी है।
सीवान के चंदा बाबू के तीन बेटों राजीव, गिरीश और सतीश की हत्या हुई है। उनके बड़े बेटे राजीव अपने दोनों भाइयों की हत्या के मामले में मुख्य गवाह थे। बाद में राजीव की भी हत्या हो गई। राजीव की हत्या मामले में शहाबुद्दीन भी आरोपी हैं। शहाबुद्दीन 2005 से ही जेल में हैं। निचली अदालत में कार्रवाई में होती देरी के चलते हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। जमानत रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाली बिहार सरकार को जमकर लताड़ लगाई थी। न्यायालय के सख्त रुख का सामना कर रही बिहार सरकार से सवाल किया था कि राजीव रोशन हत्याकांड के 17 महीने बाद भी शहाबुद्दीन को आरोप-पत्र की प्रति क्यों नहीं मुहैया कराई गई।
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#WATCH: Mohd Shahabuddin says his supporters will reply to Nitish Kumar in the next elections. pic.twitter.com/F9PGYYs83s
— ANI (@ANI_news) September 30, 2016

