राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में अगर राजद को जदयू से ज्यादा भी सीटें मिलीं तो भी नीतीश कुमार ही अगले मुख्यमंत्री होंगे।

लालू ने कहा कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है तो कुमार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे। गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल है। लालू ने यह स्पष्ट कर उन अटकलों पर विराम लगाने का प्रयास किया कि अगर उनकी पार्टी को घटक दलों के बीच ज्यादा सीटें मिलती हैं तो स्थिति क्या रहेगी।

राजद नेता ने टीवी चैनल ‘‘इंडिया टूडे’’ से कहा, ‘‘यह परवाह किये बगैर कि कौन कितनी ज्यादा सीटें जीतता है, नीतीश कुमार गठबंधन के मुख्यमंत्री होंगे। हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि भाजपा बिहार से खाली हाथ लौटे।’’

उन्होंने आरक्षण नीति की समीक्षा के आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सुझाव को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि आरएसएस भाजपा का मुखौटा है। भागवत का बयान यह स्पष्ट करता है कि वे पिछड़ों, दलितों एवं आदिवासियों के लिए आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं। लेकिन हम ऐसा होने की इजाजत नहीं देंगे, चाहे जो हो। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप में दम है तो कोशिश कीजिये और आरक्षण को खत्म करिये और नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहिये।’’

लालू प्रसाद ने भाजपा पर उच्च्ंची जातियों को खुश करने का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि वे मेरे और नीतीश कुमार जैसे दो पिछड़े नेताओं के इकट्ठा होने को पचा नहीं पा रहे हैं।

राजद नेता ने कहा, ‘‘सब लोग जानते हैं कि 1990 के पहले बिहार में पिछड़े और दलितों की क्या स्थिति थी। उन्हें अपमान का सामना करना पड़ता था। 1990 में मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद स्थितियां बदली। मैंने इस वर्ग को सशक्त बनाया और अब उन्हें सम्मान मिल रहा है।’’

इस अवसर पर मौजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा किया कि यह भाजपा के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी थे जिन्होंने उस रात्रि भोज को रद्द कराने के लिए मुझे राजी कराया था जो भोज मैं नरेंद्र मोदी सहित भाजपा नेताओं के लिए आयोजित करने वाला था। नरेंद्र मोदी उस वक्त गुजरात के मुख्य मंत्री थे।

नीतीश ने कहा कि यहां तक कि प्रधानमंत्री भी इससे अवगत हैं और इससे वह (कुमार) सुशील मोदी के भविष्य को लेकर चिंतित थे। जदयू नेता ने कहा, ‘‘वास्तव में, मुझे इस विवाद में और कोई नहीं बल्कि सुशील मोदी ने ही फंसाया था। यह वही थे जिन्होंने घोषणा की थी कि भोज रद्द कर दिया गया है।’’

सुशील मोदी ने हालांकि कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री से नफरत करते हैं और वह किसी हद तक जा सकते हैं। नीतीश कुमार ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव द्वारा उनकी धर्मनिरपेक्ष साख के बारे में सवाल उठाये जाने को भी खारिज किया और कहा कि क्या उन्हें उनसे धर्मनिरपेक्षता का कोई प्रमाणपत्र लेने की जरूरत है।