बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कथित तौर पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

हाल ही में शाह के खिलाफ अपनी नरभक्षी टिप्पणी करने को लेकर प्रसाद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जबकि 30 सितंबर को प्रसाद को चारा चोर कहने को लेकर भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ बेगूसराय में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी आर लक्ष्मणन ने यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रसाद की टिप्पणी को लेकर पटना और जमुई में प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं। उनकी टिप्पणी को आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और आईपीसी की धाराओं का उल्लंघन पाया।

पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विकास वैभव ने बताया कि प्रसाद के खिलाफ सचिवालय पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि एक अक्तूबर को संवाददाताओं से बातचीत के दौरान ‘‘नरभक्षी’’ टिप्पणी करने को लेकर प्रसाद के खिलाफ प्राथमिकी कार्यपालक मजिस्ट्रेट राजीव मोहन सहाय की रिपोर्ट पर दर्ज की गई।

लक्ष्मणन ने पटना में संवाददाताओं को बताया कि दूसरी प्राथमिकी जमुई जिले के सिकंदरा पुलिस थाने में दर्ज की गयी। यह भी उसी टिप्पणी को लेकर दर्ज की गई जो उन्होंने चार अक्तूबर को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए की थी।

उन्होंने बताया कि 30 सितंबर को बेगूसराय में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उनकी टिप्पणी को चुनाव आचार संहिता, जन प्रतिनिधितत्व अधिनियम और आईपीसी की संबद्ध धाराओं का उल्लंघन करने वाला पाया गया।

राजद प्रमुख की आलोचना करते हुए शाह ने कहा था कि बिहार जो कभी डॉ राजेंद्र प्रसाद, लोकमान्य जयप्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर को लेकर जाना जाता था, दुर्भाग्य से आज चारा चोर के नाम से जाना जाता है।

सचिवालय पुलिस थाने के प्रभारी अमरेंद्र कुमार झा ने कहा कि प्रसाद के खिलाफ मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 171 (सी), 171 (एफ) और 188 के तहत दर्ज किया गया।

बेगूसराय से पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार के हवाले से खबर दी गई है कि मैथानी विधानसभा क्षेत्र के मजिस्ट्रेट भागीरथ प्रसाद की रिपोर्ट के आधार पर शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। शाह पर आईपीसी की धारा 171 (जी) और 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इस बीच, भभुआ में एक राजनीतिक सभा में चुनावी लोकलुभावन तोहफे की घोषणा करने को लेकर मिले चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने भेज दिया। सुशील ने कहा कि उन्होंने राजग के सत्ता में आने की स्थिति में महादलित परिवारों को रंगीन टीवी, मेधावी छात्रों को लैपटॉप और समाज के अन्य तबके को प्रोत्साहन राशि देने का वादा कर न तो आचार संहिता का उल्लंघन किया, न ही कोई भ्रष्ट आचरण किया।