बिहार में थर्ड फ्रंट की सुगबुगाहट तेज हो गई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के महागठबंधन से अलग होने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में थर्ड फ्रंट यानि कि गैर एनडीए और गैर आरजेडी वाला मोर्चा तैयार हो सकता है।
राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा इसलिए भी जोरों पर है क्योंकि पप्पू यादव ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार से भी मुलाकात की है। ऐसे में माना जा रहा है कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, जन अधिकार पार्टी और सीपीआई एक नया विकल्प बनाकर राज्य के राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान थर्ड फ्रंट को लेकर चर्चा की गई साथ ही मांझी को इसका नेतृत्व करने के लिए कहा गया। मुलाकात के बाद पप्पू यादव ने ट्वीट किया, “होश और जोश के साथ बिहार के स्वर्णिम भविष्य के लिए हम दृढ़संकल्पित हैं। मिलकर बदलेंगे बिहार। उम्मीद करते हैं मांझी जी बाबा साहेब और कांशीराम जी के बाद दबे-कुचले की मजबूत आवाज बन हमारी भावनाओं को समझेंगे। हम,कन्हैया जी और बिहार को बचाने वाले साथी इसके पुनर्निर्माण के लिए साथ खड़े हैं।”
मालूम हो कि पप्पू यादव थर्ड फ्रंट के लिए लोकसभा चुनावों के दौरान भी जोर आजमाइश कर चुके हैं लेकन उस समय बातचीत सफल नहीं हो सकी थी। लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणामों ने जिस तरह महागठबंधन को चारों खाने चित्त कर दिया उसके बाद से पप्पू यादव थर्ड फ्रंट के लिए पूरी तरह सक्रिय नजर आ रहे हैं। हालांकि वे कांग्रेस को भी इसमें शामिल करने और नेतृत्व की जिम्मेदारी देने की बात कह चुके हैं। मालूम हो कि इस साल हुए लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव, मांझी और कन्हैया को हार का सामना करना पड़ा है।
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वहीं दूसरी तरफ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के एनडीए में शामिल होने की भी चर्चा है। इसकी चर्चा जोरों पर है कि मांझी एनडीए के साथ मिलकर अपनी पार्टी को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं। इस पर एनडीए में शामिल जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने बीते दिनों कहा कि हमारे दरवाजे न तो बंद हैं और न ही खुले हैं। उन्होंने कहा ‘हमें इस बात से कोई मतलब नहीं कि कौन कहां है और क्या कर रहा है। हमारे दरवाजे न तो बंद हैं और न ही खुले हैं। हमारा अपना एजेंडा है।’ वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा कि इसका फैसला जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार करेंगे। चुनाव में उनकी क्या उपयोगिता है और उनके साथ कैसे अनुभव हैं। इन सब पर विचार करने के बाद पार्टी अध्यक्ष किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे।’