Bihar lok Sabha Chunav: लोकसभा चुनाव में छठे चरण के तहत बिहार की आठ सीटों पर 25 मई को वोटिंग होनी है। इसमें सीवान लोकसभा सीट भी शामिल है। यह देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, बिहार के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना मजहरूल हक जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों की जननी के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुका है। अपनी मौत के लगभग तीन साल बाद भी ताकतवर नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन का बिहार की सीवान लोकसभा सीट पर काफ अच्छा खासा प्रभाव है।

इस चुनाव में सीवान की फिजा पूरी तरह से बदली हुई है। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या शहाबुद्दीन की पत्नी हिना सीवान सीट पर अहम भूमिका निभा पाएंगी। हिना सीवान से पिछले तीन चुनाव हार चुकी हैं। हालांकि, इस बार एक अंतर यह है कि 2021 में शहाबुद्दीन की मौत के बाद यह पहला चुनाव है। जब इससे पहले उसने चुनाव लड़ा था तो शहाबुद्दीन तिहाड़ जेल में बंद थे। शहाबुद्दीन को अपहरण और हत्या सहित आधा दर्जन से ज्यादा मामलों में दोषी ठहराया गया था।

शहाबुद्दीन चार बार सीवान से रहे सांसद

शहाबुद्दीन 1996 से लेकर 2009 के बीच में चार बार तक सीवान के सांसद रहे। उनको सजा हो जाने के बाद उनकी पत्नी हिना को 2009 में लोकसभा चुनाव के दंगल में उतारा गया। लेकिन उनको निर्दलीय उम्मीदवार ओमप्रकाश यादव ने करारी शिकस्त दी थी। वहीं, 2014 के इलेक्शन में ओमप्रकाश ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर से हिना को हरा दिया। वहीं, अब बात 2019 के लोकसभा चुनाव की करें तो हिना एक बार फिर से जेडीयू की उम्मीदवार कविता के हाथों हार गईं।

इस बार हिना सीवान से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरी हैं और उनका मुकाबला आरजेडी के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी और जेडीयू की विजयलक्ष्मी देवी से है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए हिना ने कहा कि मैं सिर्फ ये कह रही हूं कि मैं सीवान की बेटी हूं। लोगों ने दूसरों को आजमाया है और अब उन्हें मुझे उनकी सेवा करने का मौका देना चाहिए।

जेडीयू ने विजयलक्ष्मी को मैदान में उतारा

जेडीयू ने राजपूत समुदाय से आने वाली अपनी मौजूदा सांसद और बाहुबली नेता अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह को हटाकर स्थानीय कुशवाह नेता और पूर्व विधायक रमेश कुशवाह की पत्नी विजयलक्ष्मी को मैदान में उतारा है। रमेश पहले सीपीआई (एमएल) से जुड़े हुए थे। वह प्रमुख कुशवाह नेता उपेंद्र कुशवाहा के राष्ट्रीय मंच आरएमएल के सदस्य भी हैं और हाल ही में उन्होंने जेडीयू का दामन थामा है।

दूसरी तरफ राजद ने हीना का टिकट काटकर इस बार चौधरी पर भरोसा जताया। इनके बारे में माना जाता है कि उसे शहाबुद्दीन का संरक्षण हासिल था। चौधरी का कहना है कि वह अपने चुनावी अभियान को सही तरीके से चलाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं इस बारे में बात कर रहा हूं कि हमारे नेता तेजस्वी यादव ने युवाओं के लिए क्या किया। उन्होंने चार लाख से ज्यादा नौकरियां दी हैं। हमारे सुप्रीमो लालू यादव सामाजिक न्याय के चैंपियन हैं।

सीवान सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय

हालांकि, हिना के चुनावी मैदान में उतरने से आरजेडी और जेडीयू दोनों के लिए ही मुश्किलें बनी हुई हैं। हिना की राजपूत समाज में अच्छी खासी पैठ है। दरौंदा से एक राजपूत वोटर राकेश सिंह ने कहा कि वह अभी भी मुसलमानों और गैर-ओबीसी यादवों, दलितों और अपर कास्ट के एक वर्ग में काफी फेमस हैं। वहीं, जेडीयू पूरी तरह से नरेंद्र मोदी पर ही निर्भर है। साथ ही कविता को टिकट नहीं दिए जाने से एनडीए का राजपूत वोटर भी काफी नाराज है। हमें यह भी याद है कि शहाबुद्दीन सीपीआई (एमएल) कैडर के खिलाफ हमारी लंबी लड़ाई में हमेशा हमारे साथ खड़े रहे।

वहीं विजयलक्ष्मी का मानना ​​है कि लोग इससे परे देखेंगे और विकास के लिए एनडीए को वोट देंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने महिलाओं के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। हमारे नेता नीतीश कुमार ने पिछले 18 सालों में महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत कुछ काम किया है। सीवान में करीब 18 लाख वोटर हैं। राजपूत समुदाय के दो लाख सहित लगभग 3.5 लाख अपर कास्ट के वोटों के अलावा, लगभग 3.25 लाख मुस्लिम वोटर्स और 2.5 लाख यादव वोटर्स हैं। कुशवाहा के 1.25 लाख और ईबीसी के 2.5 लाख वोटर्स हैं।

इस सभी आंकड़े को देखते हुए हिना ने उन क्षेत्रों में ज्यादा समय बिताया है जहां पर अपर कास्ट को केंद्रित देखा जाता है। वहीं, उनके प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों ने अपने अभियान को केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित किया हुआ है। 16 मई को हिना ने दरौंदा में चुनाव प्रचार किया था। यह ज्यादातर राजपूत और ईबीसी बहुल क्षेत्र है। इसके बाद वह पदाडी-भेसौड़ा गांव पहुंचने से पहले जानीपुर, इजरा और सिसवाकलां गांवों से होते हुए गुजरीं।

अजय सिंह के भाई कर रहे प्रचार

दरौंदा विधानसभा में अजय सिंह के बागी होने के संकेत साफ नजर आ रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके बड़े भाई विजय हिना के साथ चुनाव प्रचार अभियान कर रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व पहले उनकी मां जगमातो देवी करती थीं और इस समय यह एनडीए के पास है। आरजेडी के पास तीन सीटें सीवान, रघुनाथपुर और बड़हरिया हैं, जबकि सीपीआई (एमएल) के पास दो सीटें जीरादेई और दरौली हैं।