झारखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार बिहार में पार्टी की मुश्किल बढ़ा सकती है। दरअसल संशोधित नागरिकता कानून के मुद्दे पर भाजपा से खफा चल रहे जदयू नेता प्रशांत किशोर ने भगवा पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रशांत किशोर ने अपने एक हालिया बयान में कहा है कि बिहार में जनता दल यूनाइटेड को सीट बंटवारे के तहत ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए। अभी दोनों पार्टियों के बीच बराबर-बराबर सीटें बंटने के आसार हैं। बता दें कि बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा कि ‘जहां तक मेरी समझ है, उसके अनुसार, जदयू को सीट बंटवारे के तहत एक चौथाई सीटें मिलनी चाहिए।’ प्रशांत किशोर ने भाजपा को सीट बंटवारें पर फिर से विचार करने को कहा। ऐसी चर्चाएं हैं कि बीते दिनों महाराष्ट्र में जिस तरह से शिवसेना ने विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर भाजपा को सत्ता से बाहर किया, उसके चलते भी जदयू का हौंसला बढ़ा है और उसने भाजपा से ज्यादा सीटों की मांग शुरू कर दी है।

इसके साथ ही हालिया झारखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार से भी उस पर दबाव बना है। झारखंड चुनाव में भाजपा और जदयू ने अलग-अलग चुनाव  लड़ा था और दोनों ही पार्टियों को अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी थी। झारखंड में भाजपा को सत्ता से बाहर करने वाले झामुमो गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन ने आज सीएम पद की शपथ ली है। ऐसे में आज ही के दिन प्रशांत किशोर द्वारा सीट बंटवारे को लेकर बयान आने के कई मतलब निकाले जा रहे हैं।

हालांकि कुछ नेताओं ने यह भी सवाल किया है कि प्रशांत किशोर कैसे सीट बंटवारे को लेकर बयानबाजी कर सकते हैं, क्योंकि सीट बंटवारे का फैसला पार्टी आलाकमान द्वारा किया जाएगा। कुछ नेताओं ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों में भी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू ने लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली राजद के साथ बराबर सीटों पर चुनाव लड़ा था।

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भाजपा नेता नितिन नवीन ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “जब पार्टी आलाकमान द्वारा सीटों के बंटवारे पर फैसला लिया जाएगा, तो प्रशांत किशोर क्यों उसमें अपनी नाक घुसेड़ रहे हैं।” बता दें कि संशोधित नागरिकता कानून के मुद्दे पर भी प्रशांत किशोर केन्द्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं।