बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह के मंदिर को लेकर दिए गए बयान से विवाद छिड़ गया है। रोहतास के डेहरी में एक कार्यक्रम में पहुंचे आरजेडी नेता ने कहा कि मंदिर का रास्ता गुलामी का रास्ता होता है जबकि स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता दिखाता है।
RJD के विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर ने कहा कि मंदिर गुलामी का रास्ता है, जबकि शिक्षा प्रकाश का मार्ग है। फतेह बहादुर के बयान का समर्थन करते हुए मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि उन्होंने अपनी नहीं, बल्कि हमारी मां सावित्री बाई फुले की बात को दोहराया है।
‘मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी का रास्ता’- डॉ. चंद्रशेखर
सावित्री बाई फुले जयंती समारोह में रविवार को डेहरी पहुंचे शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने कहा, “मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी का रास्ता है। स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता है। सावित्री बाई फुले ने देश में महिलाओं व अनुसूचित जाति के बीच शिक्षा का अलख जगाया था। उनके ही कारण हमारे समाज में अनुसूचित जाति को जगह मिली है।” चंद्रशेखर ने कहा कि अब एकलव्य का बेटा अंगूठा दान नहीं देगा। शहीद जगदेव प्रसाद का बेटा आहुति नहीं देगा। बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब वह आहूति लेना जानता है। अब एकलव्य का बेटा अंगूठा दान नहीं देगा, जवाब देगा।
गौरतलब है कि हाल ही में आरजेडी के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने कुछ दिन पहले पोस्टर लगाए गए थे, जिनमें कहा गया था कि मंदिर का अर्थ मानसिक गुलामी का मार्ग है जबकि स्कूल का अर्थ प्रकाश की ओर जाने का मार्ग है। वहीं आरजेडी विधायक के पोस्टर को लेकर पटना के एक हिंदूवादी संगठन ने उनकी जीभ काटने वाले को 10 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है। पटना में विधायकों और एमएलसी के फ्लैटों के पास हिंदू शिव भवानी सेना का एक पोस्टर लगाया गया है जिसमें इनाम की घोषणा की गई है।
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का भी विवादों से पुराना नाता रहा है। पिछले साल उन्होंने रामचरितमानस को लेकर कहा था कि रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है, जब तक यह रहेगा तब तक इसका विरोध करते रहेंगे।