बिहार में एनडीए में तकरार के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बयान देकर मामले को ठंडा करने का प्रयास किया है। नीतीश ने पूरे मामले में ‘सब ठीक है’ कह कर पानी डालने का प्रयास किया। झारखंड में भाजपा की हार के बाद जदयू की तरफ से भाजपा पर दबाव बढ़ाने वाले बयान के बीच भाजपा की तरफ से भी जवाबी प्रतिक्रिया की वजह से एनडीए में खटपट की खबरें सामने आ रही थीं।

जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू के अधिक सीटें दिए जाने की मांग की थी। पीके का कहना था कि जदूय को 50-50 के फॉर्म्यूले के आधार नहीं बल्कि 50 फीसदी से अधिक सीटें मिलनी चाहिए। पीके के इस बयान के बाद बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर पलटवार किया था।

सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है।

पीके पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए उप मुख्यमंत्री ने लिखा था कि जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोधी गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे हैं।

एक लाभकारी धंधे में लगा व्यक्ति पहले अपनी सेवाओं के लिए बाजा तैयार करने में लगता है, देशहित की चिंता बाद में करता है। सुशील मोदी के बयान पर जवाबी हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने उन्हें ‘परिस्थितियों का डिप्टी सीएम’ बताया था।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और JDU की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं। 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश DY CM बनने वाले @SushilModi से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है।