बिहार के मुख्यमंत्री और जेडी(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार शुक्रवार को पत्रकारों पर बुरी तरह भड़क उठे। रिटर्निंग ऑफिसर के पीछे खड़े होने को लेकर उन पर गुस्साते हुए बोले कि आप लोग हटिए वहां से…। कवरेज के लिए परेशान पत्रकारों और फोटोग्राफरों को इसके बाद उन्होंने सुरक्षाकर्मियों के जरिए वहां से जबरन बाहर करा दिया। घटना के दौरान सीएम के साथ नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री और लोजपा चीफ रामविलास पासवान भी मौजूद थे।

हुआ यूं कि बिहार विधानसभा में पासवान राज्यसभा के लिए नामांकन (एनडीए उम्मीदवार के तौर पर) भरने पहुंचे थे। ढेर सारे मीडियाकर्मी भी उस दौरान कवरेज के लिए थे। वे सभी रिटर्निंग ऑफिसर के ठीक पीछे खड़े थे और कवरेज के दौरान उनमें हल्की-फुल्की धक्का-मुक्की भी हुई। इसी पर नीतीश अचानक अपना आपा खो बैठे।

झल्लाते हुए बोले, “रिटर्निंग ऑफिसर की पीठ पर खड़े हैं। आप लोग इधर आइए…।” सीएम के बस इतना कहते ही पुलिसकर्मी और अन्य सुरक्षाकर्मियों ने इसके बाद पत्रकारों को धीमे-धीमे पीछे धक्का देना शुरू किया और अचानक से सभी को उस कमरे से बाहर कर दिया। देखें, घटना का वीडियोः

बता दें कि सूबे में चमकी बुखार से अब तक लगभग 125 मासूमों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को भी उन्होंने इस पर चुप्पी तोड़ना जरूरी न समझा। विधानसभा से निकलने के बाद वह झीनी सी मुस्कान देते हुए निकल गए, पर कुछ भी नहीं बोले। यह पूछे जाने पर कि वह मुजफ्फरपुर जाएंगे या नहीं? इस पर भी उन्होंने अपनी राय नहीं जाहिर की।

सीएम 19 जून को भी इस मसले पर पत्रकारों के सवालों से बचते नजर आए थे। देश की राजधानी नई दिल्ली में पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से निकलने के बाद उन्होंने तब पत्रकारों के सवाल नजरअंदाज करते हुए अपनी गाड़ी का रुख किया था और शीशा चढ़ाकर ड्राइवर से कार की रफ्तार तेज करा ली थी।

‘एएनआई’ ने सरकारी आंकड़ों के हवाले से बताया, सरकार द्वारा संचालित श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में 104 बच्चों की मौतें हो चुकी हैं, जबकि जिले के केजरीवाल अस्पताल में 20 बच्चों की जान वेक्टर जनित बीमारियों से गई। हालांकि, सीएम इससे पहले एसकेएमसीएच की स्थिति का जायजा लेने वहां पहुंचे थे। उन्होंने इसके अलावा चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के परिजन को चार-चार लाख रुपए मुआवजे का भी ऐलान किया था।