17वीं लोकसभा के लिए सांसदों ने सोमवार को संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। इस दौरान भाषाई विषमता भी सदन में काफी देखी गई। कई सांसदों ने अंग्रेजी की बजाय देसी भाषाओं में शपथ ली। हालांकि, भोजपुरी में शपथ लेने वाले सांसदों की इच्छा धरी की धरी रह गई। बिहार के महाराजगंज से बीजेपी सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने भोजपुरी में शपथ लेने की इच्छा जाहिर की। लेकिन, 8वीं अनुसूची में यह भाषा शामिल होने के चलते उन्हें हिंदी में शपथ लेनी पड़ी। बिहार से ही आने वाले बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने भी भोजपुरी में शपथ नहीं दिलाए जाने पर आपत्ति जताई। रूडी ने भी हिंदी में शपथ ली। इस बार 17वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के दौरान जय श्रीराम के नारे भी लगे।
संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल देसी भषाओं में अधिकांश सांसदों ने शपथ ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने तो संस्कृत में शपथ लेकर सभी को चौंका दिया। वहीं, इनके अलावा स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और प्रताप चंद्र सारंगी ने भी संस्कृत में शपथ ली। जबकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हिंदी में शपथ ली। इनके अलावा कर्नाटक से संबंध रखने वाले केमिकल एवं फर्टिलाइजर मंत्री सदानंद गौड़ा और संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कन्नड भाषा में शपथ ली।
केरल से आने वाले कांग्रेस के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने हिंदी में शपथ लेकर सभी को आश्चर्य में डाल दिया। सुरेश ने अंग्रेजी या अपनी मातृ भाषा मलयालम को छोड़ हिंदी में शपथ ली। जबकि, जम्मू से आने वाले बीजेपी सांसद जितेंद्र सिंह ने अपनी मातृ भाषा डोगरी में शपथ ली। वहीं, अंग्रेजी में मंत्री पद की शपथ लेने वाली अकाली नेता हरसिमरत कौर ने इस बार पंजाबी में शपथ ली। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली, कृपानाथ मल्लाह और नबा कुमार सरनाई ने असमीज भाषा में शपथ ली।