हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व सीएम जीतम राम मांझी ने पिछले दिनों ब्राह्मण समाज को लेकर अपशब्द कहे थे, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। वहीं, सोमवार को पटना में जीतन राम मांझी ने ब्राह्मण समाज के लोगों के लिए भोज का आयोजन किया।
जीतन राम मांझी के इस भोज में ब्राह्मण समाज के करीब दो दर्जन लोग पहुंचे थे। इस भोज के लिए मांझी ने एक शर्त रखी थी, जिसे अपना अपमान बताकर बहुत से ब्राह्मणों ने भोज में जाने से इनकार कर दिया था। जीतन राम मांझी ने शर्त रखी थी कि इस भोज में केवल वही ब्राह्मण आ सकते हैं जिन्होंने कभी मांस और मदिरा का सेवन नहीं किया हो। साथ ही कभी चोरी-डकैती में कभी शामिल न रहे हों।
भोज में शामिल हुए ब्राह्मणों का कहना था कि मांझी ने उनके समाज को कहे गए अपशब्दों के लिए माफी मांग ली है, जिसके बाद उन्हें माफ कर दिया है और भोज में शामिल हुए हैं। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि भोज में शामिल होकर ब्राह्मणों ने यह संदेश दिया है कि ब्राह्मण और दलित समाज एक है। साथ ही उन्होंने कहा कि मांझी कभी समाज में बंटवारा नहीं चाहते हैं।
ब्राह्मण समाज के लिए अपशब्दों को लेकर जीतन राम मांझी का बिहार में जमकर विरोध हुआ था। इस मामले में जीतन राम मांझी के खिलाफ बिहार के विभिन्न जिलों के पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराई गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
वहीं, जीतन राम मांझी की ब्राह्मण समाज पर अपमानजनक टिप्पणी पर बिहार भाजपा के नेता गजेंद्र झा भड़क गए थे और उन्होंने ऐलान किया था कि जो भी ब्राह्मण का बेटा जीतन राम मांझी की जुबान काटकर उनके सामने लायेगा उसे वह 11 लाख रुपये का ईनाम देंगे। गजेंद्र झा के इस ऐलान पर भाजपा ने उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। पार्टी ने कहा था कि किसी के लिए भी अमर्यादित भाषा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।