दिल्ली से हाल ही में दोबारा राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह को सोमवार को राज्यसभा नहीं बुलाया गया था। उपराष्ट्रपति कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक राज्यसभा के पूर्व सांसद संजय सिंह के खिलाफ विशेषाधिकार समिति की जांच जारी है।
सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों के ‘नियम 3’ के तहत नामित और निर्वाचित सभी संसद सदस्यों को समन जारी किए गए थे। इनमें एनडी गुप्ता, स्वाति मालीवाल और सतनाम सिंह शामिल रहे। सूत्रों के मुताबिक, संजय सिंह को समन जारी नहीं किया गया था क्योंकि 11 अगस्त, 2023 को पारित सदन के निर्देशों के मुताबिक उन्हें विशेषाधिकार समिति की रपट पर सदन द्वारा निर्णय लेने तक सदन की कार्यवाही में भाग लेने से वंचित कर दिया गया था। बेशक यह मामला उनके पिछले कार्यकाल का है लेकिन उसका इस निर्देश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
राज्यसभा की कार्यवाही कार्यसूची द्वारा विनियमित होती है जिसे बुलेटिन में अधिसूचित किया जाता है। संजय सिंह का शपथ ग्रहण सोमवार को सदन के कामकाज में सूचीबद्ध नहीं था और इस मामले पर राज्यसभा से कोई संचार कभी भी राज्यसभा सभापति के विचार के लिए नहीं आया। सूत्रों ने बताया कि इस मामले को लेकर कुछ ‘आप’ सदस्यों ने सोमवार को सभापति से मुलाकात की और उन्हें लागू नियमों व प्रक्रियाओं के बारे में बताया गया।
संजय सिंह का निलंबन 24 जुलाई, 2023 को प्रभावी हुआ और 11 अगस्त 2023 को सदन ने निम्नलिखित आदेश पारित किया कि परिषद, अध्यक्ष के नियमों, निर्देशों के बार-बार उल्लंघन और माननीय सदस्य संजय सिंह के अनियंत्रित आचरण को अस्वीकार करती है। क्योंकि ये परिषद के सदस्यों द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों के अनुरूप नहीं हैं, क्योंकि ये परिषद की गरिमा को कम करते हैं और आचार संहिता के ढांचे का उल्लंघन करते हैं। राज्यसभा के सदस्यों के लिए, जैसा कि नैतिकता समिति द्वारा निर्धारित किया गया है और इस प्रकार संजय सिंह के निलंबन को तब तक जारी रखने की मंजूरी दी जाती है, जब तक कि विशेषाधिकार समिति उनके खिलाफ लंबित विशेषाधिकार उल्लंघन के मामलों पर अपना निष्कर्ष प्रस्तुत नहीं कर देती।
शनिवार को मिली थी संसद जाने की इजाजत
संजय सिंह को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली के तीन राज्यसभा सांसदों में से एक संजय सिंह को इस साल जनवरी में AAP द्वारा एक और कार्यकाल के लिए फिर से नामित किया गया था। उन्हें 4 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया था। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने जेल अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे संजय सिंह को शपथ दिलाने के लिए 5 फरवरी को सुबह 10 बजे संसद ले जाएं।
अदालत ने निर्देश दिया कि पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी और संजय सिंह को मोबाइल फोन का उपयोग करने या किसी भी आरोपी, संदिग्ध, गवाह या मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अदालत ने संजय सिंह के परिवार के सदस्यों और वकीलों को भी उनके साथ जाने की अनुमति दी थी।
7 दिन की मांगी थी जमानत
संजय सिंह ने शपथ लेने और 5 फरवरी से 9 फरवरी तक चल रहे संसद सत्र में भाग लेने के लिए सात दिनों की अंतरिम जमानत की मांग करते हुए गुरुवार को अदालत का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन शनिवार को उन्होंने कहा कि वह अब सात दिनों की अंतरिम जमानत नहीं चाहते क्योंकि उन्हें एक अन्य मामले में सुनवाई के लिए 7 फरवरी को सुल्तानपुर जाना है। उन्होंने मांग की थी कि उन्हें केवल 5 फरवरी को शपथ लेने के लिए संसद में जाने की अनुमति दी जाए।