Farmers Protest in Haryana Election 2024: हरियाणा में गर्म हो चुके चुनावी माहौल के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेसी दिग्गज भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। हुड्डा ने ABP न्यूज के एक सवाल के जवाब में कहा है कि अगर हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनी तो वह किसानों को दिल्ली आने से नहीं रोकेंगे।
याद दिलाना होगा कि साल 2020 में कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा और पंजाब में बड़े पैमाने पर किसान सड़क पर उतरे थे। तब एक साल चले किसान आंदोलन के बाद मोदी सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था।
अभी भी हरियाणा और पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। इस साल मार्च में किसानों ने जब दिल्ली कूच किया था तो हरियाणा की बीजेपी सरकार ने उन्हें वहीं पर रोक दिया था।
कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भारत में प्रजातंत्र है और यहां पर सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है लेकिन कोई भी व्यक्ति कानून अपने हाथ में लेगा तो सरकार के पास शक्ति है और हम कानून का इस्तेमाल करेंगे। हुड्डा ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति शांतिपूर्ण ढंग से आएगा तो सरकार का यही फर्ज बनता है कि उनकी समस्या सुने और उसका समाधान निकाले।
हुड्डा ने कहा कि हम इस बात के खिलाफ हैं कि कोई भी व्यक्ति कानून हाथ में ले। राज्य में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे हुड्डा ने कहा कि किसानों के दिल्ली जाने पर किसी को कोई एतराज नहीं है लेकिन कांग्रेस की सरकार बनी तो हम कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं देंगे।
हरियाणा-पंजाब में असरदार था किसान आंदोलन
कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन के दौरान किसानों ने हरियाणा-पंजाब में रेलवे ट्रैक रोकने के साथ ही दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर्स पर डेरा डाल दिया था। दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर के अलावा दिल्ली-हरियाणा के टिकरी और सिंघु बॉर्डर्स पर किसान 1 साल तक धरने पर बैठे रहे थे।
इस साल मार्च में किसानों ने एक बार फिर दिल्ली चलो का नारा दिया था लेकिन तब हरियाणा की सरकार ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया था। इसके बाद किसानों ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर ही डेरा डाल दिया था। लोकसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी के नेताओं को बड़े पैमाने पर किसानों का गुस्सा झेलना पड़ा था।
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हुआ नुकसान
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान हरियाणा में बीजेपी के उम्मीदवारों को किसानों का विरोध भी झेलना पड़ा था और चुनाव नतीजे बीजेपी के लिए खराब रहे थे। 2019 में सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली बीजेपी को इस बार सिर्फ 5 सीटों पर जीत मिली।
किसानों ने पूछा था कि आखिर उन्हें दिल्ली जाने से क्यों रोका गया और उनके खिलाफ हरियाणा की पुलिस ने ताकत का इस्तेमाल क्यों किया। किसानों का कहना था कि बीजेपी सरकार ने किसानों और मजदूरों का ऋण माफ क्यों नहीं किया और केंद्र सरकार एमएसपी पर कानूनी गारंटी कब देगी। इसके अलावा जब किसानों ने पंजाब के बॉर्डर से हरियाणा में आने की कोशिश की थी तो हरियाणा की पुलिस ने उनके खिलाफ गोलियों और ड्रोन का इस्तेमाल क्यों किया था।