रामनवमी पर भड़की हिंसा को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ी है। विपक्ष इसे लेकर सरकार को घेर रहा है तो बीजेपी इसे विपक्ष की साजिश बता रही है। ताजा मामले में ऐसी ही घटनाक्रम में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह मप्र पुलिस के लपेटे में आ गए। बिहार के फोटो को खरगोन का बताकर ट्वीट करने के मामले में भोपाल की क्राइम ब्रांच ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत कर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है।

दरअसल, दिग्विजय ने अपने ट्वीट में लिखा कि क्या मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्म दिवस पूरे देश में एक वर्ग को गाली दे कर भड़काने वाले नारे लगा कर मनाना उचित है? क्या यही सनातन हिंदू धर्म है? शर्म करो। उनका कहना था कि क्या खरगोन प्रशासन व पुलिस ने यह भाषण नहीं सुना? क्या इस प्रकार का भाषण जनता को धर्म के आधार पर भड़काने वाला नहीं है? यह खरगोन में एक स्थान का भाषण है और कहां कहां कपिल मिश्रा जी के भाषण हुए? क्या खरगोन प्रशासन व पुलिस को इसकी जानकारी नहीं थी?

कांग्रेस नेता का कहना था कि क्या खरगोन प्रशासन ने लाठी तलवार जैसे हथियारों को ले कर जुलूस निकालने की इजाजत दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके चाहे जिस धर्म के हों सभी के घर पर बुलडोजर चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष हो कर सरकार चलाने की शपथ ली है।

उनका कहना था कि भारतीय संविधान में हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। धर्म देख कर शिवराज जी कार्रवाई करना असंवैधानिक है। यदि आपको गैरकानूनी तरीके से बुलडोजर चलाना ही है तो उसमें धर्म के आधार पर पक्षपात तो ना करें। सभी का ध्यान रखें।

उनके ट्वीट के बाद बीजेपी भोपाल जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी ने क्राइम ब्रांच के डीसीपी से दिग्विजय सिंह के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी। उन्होंने अपनी शिकायत में दिग्विजय सिंह के ट्वीट को प्रदेश में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाला बताया था।

https://twitter.com/digvijaya_28/status/1513685892434915329?s=20&t=03OLpbPVTWTRyJxggs0dcA

बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के ट्वीट को अंतरराष्ट्रीय साजिश बताकर जांच करने की मांग की है। शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल को पत्र लिखकर दिग्विजय सिंह का ट्विटर हैंडल बंद करने की भी अपील की है।