आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद रावण गठबंधन के लिए सपा के राष्ट्रीय अखिलेश यादव का चक्कर लगाते रहे लेकिन अब उन्होंने साफ़ कर दिया है कि दोनों पार्टियों का गठबंधन नहीं होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को दलितों की जरूरत नहीं है।

शनिवार को चंद्रशेखर आजाद रावण ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि मेरी अखिलेश यादव से पिछले 6 महीनों में काफी मुलाकातें हुई हैं। इस बीच सकारात्मक बातें भी हुई लेकिन अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की ज़रूरत नहीं है। वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते। वह चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें। लेकिन डर यह था कि कांशीराम ने पहले भी नेताजी को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन जो हुआ वो सबके सामने है।

चंद्रशेखर आजाद ने इस दौरान यह भी कहा कि एक महीना दस दिन के बाद उन्होंने बहुजन समाज के लोगों का अपमान किया है। मुझे उम्मीद थी कि वे बहुजन समाज के लोगों को इकट्ठा करने का प्रयास करेंगे। मैं पीठ दर्द के बावजूद दो दिन से यहां हूं। उन्होंने मुझे कल शाम तक इंतजार करने के लिए कहा था लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं आया।  

गौरतलब है कि पिछले दिनों भी भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। दोनों की मुलाक़ात के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि अखिलेश पश्चिमी उत्तरप्रदेश की कुछ सीटें चंद्रशेखर आजाद की पार्टी को दे सकते हैं क्योंकि पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर दलित निर्णायक भूमिका अदा करते हैं। माना जा रहा है कि अब चंद्रशेखर आजाद अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

बता दें कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने ओम प्रकाश राजभर की सुभासपा, शिवपाल सिंह यादव की प्रसपा, जयंत चौधरी की रालोद, संजय चौहान की जनवादी पार्टी, केशव मौर्य के महान दल, कृष्णा पटेल की अपना दल कमेरावादी, एनसीपी और टीएमसी के साथ गठबंधन किया है। सपा ने रालोद के साथ मिलकर अभी तक 29 सीटों पर अपने प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं।