दरियागंज हिंसा मामले में तिहाड़ जेल से जमानत पर छूटने के बाद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को एकबार फिर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। जेल से रिहा होने के बाद वह सुबह मंदिर-गुरुद्वारे पहुंचे और दोपहर में जामा मस्जिद का दौरा किया। जामा मस्जिद पहुंचने से पहले उन्होंने उन्होंने रविदास मंदिर और शीशगंज गुरुद्वारे का दौरा किया।

इस दौरान समर्थकों की भीड़ भी उनके साथ थी। आजाद और उनके समर्थकों ने सीएए के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। आजाद ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन हमारी ताकत है। सभी धर्मों के लोगों को इसमें शामिल होना चाहिए ताकि सरकार को यह पता लग जाए कि विरोध करने वालों में सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग ही शामि नहीं है।’

बता दें कि कि दिल्ली की कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि जमानत मिलने के 24 घंटों के भीतर भीम आर्मी चीफ को दिल्ली से बाहर जाना होगा। सीएए के विरोध में बीते कुछ हफ्तों में शुक्रवार के दिन जुमे की नमाज के बाद जामा मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस दौरान पुलिस और प्रशासन लगातार मुस्तैद है और जामा मस्जिद के आस-पास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने जमानत देते वक्त उनसे कहा है कि वे दिल्ली में विधानसभा चुनाव के चलते चार सप्ताह तक राजधानी न आए और कोई धरना न दें। कोर्ट ने उनसे कहा है कि वह दिल्ली में 16 फरवरी तक कोई भी विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे।

बता दें कि भीम आर्मी चीफ ने 20 दिसंबर को दिल्ली की जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकालने की घोषणा की थी। इसके लिए उन्होंने पुलिस से अनुमति नहीं ली थी। जिसके बाद उन्हें दरियागंज से ही गिरफ्तार किया गया था। उनपर सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया।