Bhayyuji Maharaj Spiritual Guru Funeral: पारिवारिक तनाव में खुदकुशी करने वाले संत और आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज (उदय राव देशमुख) का अंतिम संस्कार हो गया। आज (13 जून) क्रियाकर्म के दौरान बेटी ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। श्मशान घाट में उस दौरान आध्यात्मिक गुरु के समर्थकों की भारी भीड़ जुटी थी। नम आखों के साथ लोग उनकी आखिरी झलक पाने को बेताब नजर आ रहे थे। भय्यूजी का पार्थिव शरीर श्मशान घाट लाए जाने से पहले अंतिम दर्शन के लिए इंदौर के सूर्योदय आश्रम में रखा गया था।
भय्यूजी का पार्थिव शरीर इससे पहले सुबह सिल्वर स्प्रिंग इलाके में स्थित आवास से आश्रम लाया गया, जहां उनके अनुयायियों की भारी संख्या में भीड़ उमड़ी थी। कतारों में खड़े सैकड़ों लोग उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया था कि भय्यूजी के पार्थिव देह को उनकी बेटी कुहू के मुखाग्नि देने का फैसला करीबियों से मशविरे के बाद लिया गया था।
भय्यूजी ने मंगलवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मौके से मिले सुसाइड नोट में भय्यूजी ने तनाव के चलते आत्महत्या करने का जिक्र किया था। भय्यूजी की आत्महत्या के बाद जो बातें खुलकर सामने आ रही हैं, उससे पता चल रहा है कि भय्यूजी की बेटी कुहू और उनकी दूसरी पत्नी डॉ.आयुषी के बीच बहुत गहरे मतभेद थे। उनकी बेटी इस हादसे के लिए डॉ. आयुषी को जिम्मेदार ठहरा रही हैं।
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मुक्तिधाम में क्रियाकर्म के दौरान कुहू का रो-रोकर बुरा हाल था। मुखाग्नि देने के बाद भी वह बेहद गमगीन नजर आई। श्माशान घाट में इस दौरान आध्यात्मिक गुरु के समर्थकों का तांता लगा हुआ था। बेटी-पत्नी व करीबियों ने मीडिया से इस मामले में कोई बात नहीं की है।
भय्यूजी महाराज की अंतिम यात्रा शुरू हो चुकी है। सैकड़ों समर्थक व लोग उनकी शव यात्रा में शामिल हैं, जबकि शव वाहन में बेटी कुहू, बाकी परिजन और बीजेपी नेता व महाराष्ट्र में राज्य मंत्री पंकजा मुंडे सवार थीं। शवयात्रा निकलाने से पहले जब भय्यूजी का पार्थिव शरीर उठाया गया था, तब पत्नी डॉ.आयुषी रो-रोकर बदहवास हो गई थीं।
भय्यूजी जब दूसरी पत्नी डॉक्टर आयुषी को घर लाए थे, तो बवाल मचा था। गुस्से में आकर बेटी कुहू ने उस दौरान पूजा का सामान फेंक दिया था। दरअसल, भय्यूजी ने उसे दूसरी शादी करने के बारे में कुछ भी नहीं बताया था। मगर बाद में जब यह बात सामने आई, तो वह दंग रह गई। वह पिता की दूसरी शादी के फैसले से नाखुश थी, इसलिए वह शादी में भी नहीं शामिल हुई थी। पूरी खबर पढ़ें।
भय्यूजी की मौत के बाद पुलिस को उनके आवास से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला। उसमें लिखा था, "परिवार की जिम्मेदारियां कोई संभाल ले। मैं अधिक तनाव से तंग होने के कारण जा रहा हूं।" मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने इससे पहले पांच आध्यात्मिक नेताओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिया था, जिसमें भय्यूजी का नाम भी था। मंत्री बनाए जाने के ऐलान पर उन्होंने कहा था, "संत के लिए पद मायने नहीं रखता।"
भय्यूजी का असली नाम उदय सिंह देशमुख था। संत बनने से पहले 21 साल की उम्र में उन्होंने मॉडलिंग भी की थी। आगे चलकर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सियासत में वह बड़ा नाम बने। यही कारण है कि लोग उन्हें भय्यूजी कहकर पुकारते थे। 2011 में राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें पहचान मिली, जब अन्ना हजारे का अनशन खत्म कराने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने उन्हें भेजा था। अन्ना ने तब उन्हीं के हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था।
आयुषी ने घटना के दिन के बारे में बताया। कहा, "मैं उनके संग अच्छे से रह रही थी। मंगलवार को सब ठीक था। मैंने उठने के बाद पूजा की। नाश्ता लिया। उन्होंने कटहल की सब्जी बनाने को कहा था। मैं सब्जी का प्रबंध कर कॉलेज चली गई थी। लौटी तो पता चला कि गुरुजी, कुहू के कमरे में हैं। दरवाजा खटखटाया तो कोई जवाब न मिला। दरवाजा तोड़ा तो वहां खून बह रहा था। पास में बंदूक थी, जबकि वह अचेत थे। फौरन उन्हें अस्पताल ले गए।"
रिपोर्ट में कहा गया कि कुहू ने दावा किया सौतेली मां के कारण पिता खुदकुशी करने को मजबूर हुए, जिसके लिए उन्हें जेल भेज देना चाहिए। वहीं, आयुषी का कहना है कि कुहू उन्हें पसंद नहीं करती थी, लिहाजा वह मायके चली गई थी। बाद में कुहू के पुणे जाने पर वह वापस इंदौर लौट आई थीं।
भय्यूजी की 18 वर्षीय बेटी कुहू सौतेली मां डॉ.आयुषी को पसंद नहीं करती है। उसने पति की मौत का असली जिम्मेदार आयुषी को बताया है। एक हिंदी वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, भय्यूजी की खुदकुशी के बाद यह मामला सामने आया है।
इंदौर के डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्रा ने इस बारे में एक टीवी चैनल को बताया कि आध्यात्मिक गुरु के सुसाइड नोट के दूसरे पन्ने पर लिखा मिला कि सेवक विनायक ही उनका सारा काम-काज संभालेगा, जिसमें वित्तीय फैसले भी शामिल होंगे।
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले उन्हें श्रद्धांजलि देने आश्रम पहुंचे। उन्होंने कहा कि भय्यूजी के जाने से देश को बड़ी क्षति हुई है। भैय्यूजी खुदकुशी मामले में पुलिस ने बुधवार सुबह ताजा दावा किया।
भय्यूजी के पार्थिव शरीर की आखिरी झलक पाने के लिए मध्य प्रदेश के अलावा देश के कई हिस्सों से वीवीआईपी, नेता और उनके समर्थक पहुंच रहे हैं। अंतिम संस्कार को ध्यान में रखते हुए इंदौर की पुलिस ने भय्यूजी के आश्रम व नजदीक के इलाके में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है।
भैय्यूजी का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए सुबह नौ बजे रखा गया था, तभी से यहां समर्थकों की भीड़ जुटने लगी थी। (फोटोः यूट्यूब)
मध्य प्रदेश के सीएम ने भैय्यूजी के निधन पर खेद प्रकट किया था। उन्होंने कहा, "संत भैय्यूजी महाराज को सादर श्रद्धांजलि। देश ने संस्कृति, ज्ञान और सेवा की त्रिवेणी व्यक्तित्व को खो दिया। आपके विचार अनंत काल तक समाज को मानवता की सेवा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे। भैय्यूजी के देहांत से उन अनगिनत लोगों को व्यक्तिगत क्षति हुई है जिन्हें अपने आध्यात्मिक ज्ञान से उन्होंने जीवन जीने की राह दिखाई। नर्मदा सेवा मिशन से उनके जुड़ाव एवं पर्यावरण संरक्षण व सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में किए गए कार्य को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।"
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम व कांग्रेसी नेता पृथ्वीराजज चौहान ने दुख प्रकट करते हुए बताया कि भैय्यूजी के अचानक दुनिया छोड़ देने की खबर ने उन्हें झटका दिया। आम लोगों को मदद करना व सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में दिया गया उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। वहीं, एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने भैय्यूजी के निधन पर शोक जताया था। उन्होंने कहा कि भैय्यूजी ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई सामाजिक कार्यों में हिस्सा लिया था। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।
आध्यात्मिक गुरु का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव ले जाया गया। इंदौर में उस दौरान उनके समर्थक फूट-फूट कर रोए और दुख प्रकट किया। भैय्यूजी का पार्थिव शरीर मंगलवार रात बॉम्बे हॉस्पिटल में रखा गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी दूसरी पत्नी डॉ.आयुषी और बेटी कुहू के बीच पटती नहीं थी। वह उन्हीं दोनों के विवाद को लेकर बुरी तरह परेशान रहते थे। अक्सर वह सुलह कराने का प्रयास करते, मगर हालात जस के तस रहे।