कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक महिला को साइबर अपराधियों ने कुछ इस कदर ठगा कि उसे अपने दो प्लॉट और एक फ्लैट बेचने पड़ गए। इतना ही नहीं महिला ठगों के जाल में इस तरह फंसी हुई थी कि उसने बैंक से भी लोन लेकर उन साइबर अपराधियों को पैसे भेज दिए।
पुलिस के मुताबिक, पीड़ित महिला बेंगलुरु के न्यू थिप्पसंद्रा इलाके में अपने 10 वर्षीय बेटे के साथ रहती है। 27 नवंबर को महिला ने व्हाइटफील्ड सीईएन पुलिस थाने में महिला ने एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उसे 19 जून को एक अनजान नंबर कॉल आया, जिसने दावा किया वह ब्लू डार्ट कूरियर कंपनी की ओर बात कर रहा है।
पुलिस अधिकारी बन दी धमकी
कॉलर ने कथित तौर पर आरोप लगाया कि उसके आधार नंबर से जुड़े ड्रग्स और सामान बरामद किए गए हैं और मुंबई पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए आ रही है। साइबर अपराधियों ने मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर महिला को उनकी मांगे न मानने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। उन्होंने उसे कुछ मोबाइल ऐप इंस्टॉल करने को कहा और कहा कि वह घर में रहे। साथ ही इस बार में जांच पूरी होने तक किसी से कुछ न बताए।
बेटे के नाम से महिला को डराया
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “शुरुआती जानकारी जुटाते समय अपराधियों को पता चला कि महिला का एक 10 वर्षीय बेटा है और उन्होंने महिला को डराया कि उसके बेटे को भी जेल भेज दिया जाएगा।”
कई महीनों तक महिला को लगाया चपत
महिला ने 19 जून से 27 नवंबर तक उनकी सभी बातें मानी और पैसे भेजती रही। एफआईआर के मुताबिक, महिला ने विग्नान नगर एक अपार्टमेंट बहुत कम कीमत पर बेच दिया, साथ ही मालूर में दो प्लॉट भी बेहद कम कीमत पर बेच दिए। इतना ही नहीं महिला ने अपराधियों को पैसे देने के लिए बैंक से लोन भी ले लिया।
ऐसे पुलिस के पास पहुंची महिला
पुलिस अधिकारी ने बताया,”महिला से पैसे हड़पने के बाद साइबर अपराधियों ने उसे पास के पुलिस थाने से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेने को कहा और फिर व्हाइटफील्ड सीईएन पुलिस थाने से महिला को पता चला कि उसे साइबर अपराधियों ने लूट लिया है।
दो करोड़ से अधिक रुपये का ट्रांजेक्शन
शिकायत के मुताबिक महिला ने साइबर अपराधियों को 2,05,16,652 रुपये 22 ट्रांजेक्शन के जरिए भेजे। सबसे बड़ा ट्रांजेक्शन महिला ने 70 लाख रुपये का किया था।
व्हाइटफील्ड सीईएन पुलिस थाने ने महिला की शिकायत पर आईटी एक्ट की धारा 66(C) और 66(D) तथा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 319(2) और 318(4) के तहत मामला दर्ज किया और मामले की जांच में जुट गई है।
