नौ साल की नन्हीं जान हृतिक्षा की मां कोविड का शिकार हो गई। मरने के बाद अस्पताल ने महिला की चीजें लौटा दीं। मगर उन चीजों में फोन नहीं था। इस नन्हीं लड़की ने फोन लौटाने की अपील करते हुए एक चिट्ठी लिखी है जो तेजी से वायरल हो रही है। लड़की का पिता दिहाड़ी मजदूर है। पुलिस फोन की खोज में लग गई है।

कुशलनगर की रहने वाली हृतिक्षा ने चिट्ठी में लिखा है है कि मेरे पिता, मां और मैं कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई थी। जब मां की हालत बिगड़ी तो उसे मदिकेरी कोविड अस्पताल में दाखिल कराया गया, जबकि मैं और पिता जी घर के आइसोलेशन में अपना इलाज करते रहे।पत्र कोडागू (कूर्ग) के डिप्टी कमिश्नर, क्षेत्र के विधायक और अस्पताल के कर्मचारियों के नाम लिखा गया है। वह लिखती है कि मेरे पिता दिहाड़ी मजदूर हैं। बीमारी के दौरान हम लोग पड़ोसियों की मदद से जीवन चलता रहा। तभी 16 मई को मेरी मां का निधन हो गया। उसके पास एक मोबाइल फोन था, जो किसी ने ले लिया। मैं मां को खो चुकी हूं और अब अनाथ हूं। इस फोन में मेरी मां की अनेक यादें दर्ज हैं। मैं विनती करती हूं कि जिसने भी फोन लिया हो वह मुझे वापस कर दे।

हृतिका के पिता नवीन कुमार ने बताया कि उसकी पत्नी टीके प्रभा (36) की 16 मई को कोविड से मृत्यु हो गई। अस्पताल ने उसका सामान लौटाने में कोई विलंब नहीं किया लेकिन उस सामान में प्रभा का फोन नदारद था। यह देख कर मैंने उस नम्बर पर कई बार फोन किया, लेकिन हर बार फोन स्विच्ड ऑफ मिला।

नवीन ने बताया कि उसी दिन से हृतिक्षा का रो-रो कर बुरा हाल है। बिटिया ने फोन में परिवार के कई फोटो, वीडियो और दूसरे दस्तावेज सहेज रखे थे। इसी फोन पर वह ऑनलाइन क्लासेज़ भी अटेंड करती थी। मैं असहाय हालत में हूं। न तो फोन मिल रहा है और न ही मेरी स्थिति ऐसी है कि नया मोबाइल खरीद सकूं।

इस बीच नन्हीं लड़की की चिट्ठी सोशल मीडिया पर वाइरल हो गई है। अनेक लोग पुलिस से अपील कर रहे हैं कि वह जल्दी से जल्दी फोन ढूंढ़ कर हृतिक्षा को सौंप दे। ऐसे ही एक ट्वीट के जवाब में कर्नाटक के डीजी प्रवीण सूद ने कहा है कि हमारी टीम ढूंढ़ने में लगी है। हम कोई कसर न छोड़ेंगे। पुलिस का कहना है कि फोन तलाशने में अन्य उपायों के साथ हम अस्पताल के लोगों की भी मदद भी ले रहे हैं।