बेंगलुरु में एक ऑटोरिक्शा चालक 38 साल बाद प्री-यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट परीक्षा दे रहा है। यह कहावत सही साबित हो रही है कि जब शिक्षा हासिल करने की बात आती है तो उम्र सिर्फ एक संख्या होती है। कर्नाटक में छात्र कक्षा 10 उत्तीर्ण करने के बाद पीयूसी परीक्षा देते हैं। पीयूसी परीक्षा दो भागों में विभाजित होती है: पीयूसी 1 (कक्षा 11 के बराबर) और पीयूसी 2 (कक्षा 12 के बराबर)।
ट्विटर यूजर निधि अग्रवाल ने 26 अगस्त को एक मुस्कुराते हुए ऑटो चालक की तस्वीर साझा की और लिखा, “आज मेरे @Olacabs ऑटो साथी, बासकर जी का परिचय। उनका आज अंग्रेजी का पेपर था। वह 1985 में 10वीं पास करने के बाद इस साल पीयूसी परीक्षा दे रहे हैं। दो बच्चों के पिता उनके बच्चे तीसरी और छठी कक्षा में हैं। उनकी स्थायी मुस्कान सचमुच प्रेरक थी।”
इस पोस्ट पर एक ट्विटर यूजर ने कमेंट करते हुए लिखा, “उम्र सिर्फ एक नंबर है। आप कुछ करने या प्रयास करने के लिए कभी भी बूढ़े नहीं होते हैं।” यह एकमात्र उदाहरण नहीं है जहां किसी व्यक्ति ने लंबे अंतराल के बाद स्कूली शिक्षा हासिल की है। जुलाई 2020 में मेघालय की एक 50 वर्षीय महिला लेकिंटिव सिम्लिह ने 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की। चार बच्चों की मां और दो बच्चों की दादी सिम्लिह, स्कूल छोड़ने के 30 साल बाद अपना 12वीं कक्षा का प्रमाणपत्र हासिल करने में कामयाब रहीं थी।
वहीं 2018 में 96 वर्षीय कार्थ्यायिनी अम्मा ने केरल साक्षरता मिशन की अक्षरालक्षम योजना के तहत आयोजित कक्षा 4 के समकक्ष की परीक्षा उत्तीर्ण की। उनके नक्शेकदम पर चलते हुए 105 वर्षीय भागीरथी अम्मा एक साल बाद उसी परीक्षा में बैठीं थीं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हरदोई की रहने वाली 70 साल की कुमुदनी देवी ने 66 साल की उम्र में एलएलबी करने के बाद 68 साल में ऑल इंडिया बार एग्जाम पास कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। वह ऐसा करने वाली पहली महिला हैं। कुमुदनी देवी एक सरकारी स्कूल में प्रधानाध्यापक थीं। रिटायर होने के बाद उन्होंने 66 साल की उम्र में अच्छे नंबरों से एलएलबी पास किया।