बेंगलुरु एयरपोर्ट पर एक शख्स ने जांच के दौरान अपने 40 लाख रुपए की कीमत वाली रोलेक्स घड़ी को सिक्योरिटी ट्रे में रखने में मना कर दिया। उसे इस बात का डर सता रहा था कि सिक्योरिटी जांच के दौरान उसकी घड़ी चोरी हो सकती है। हालांकि बाद में अधिकारियों के समझाने के बाद वह शख्स जांच के लिए तैयार हो गया और उसके बाद उसे फ्लाइट में बैठने दिया गया।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को बेंगलुरु से दिल्ली जाने वाला एक शख्स एयरपोर्ट पर अनिवार्य सुरक्षा जांच वाली कतार में खड़ा था। उसने रोलेक्स घड़ी पहन रखी थी। उसके जांच की बारी आने पर वहां मौजूद सीआईएसएफ जवान ने उससे घड़ी और मेटल के दूसरे सामान को हटाकर सिक्योरिटी ट्रे में रखने के लिए कहा। लेकिन उसने अपनी घड़ी को सिक्योरिटी ट्रे में रखने से मना कर दिया।

उक्त यात्री ने दावा किया कि उसकी रोलेक्स घड़ी करीब 40 लाख रुपए की है और जांच के दौरान यह चोरी हो सकती है। ड्यूटी पर तैनात सीआईएसएफ के जवानों ने उसे समझाने की खूब कोशिश की लेकिन उसने एक नहीं मानी। सुरक्षा जांच में उक्त यात्री के द्वारा बाधा उत्पन्न किए जाने की वजह से सुरक्षा प्रक्रिया पूरी तरह से रूक गई। इससे कतार में लगे अन्य यात्री काफी परेशान हो गए।

बाद में अधिकारियों ने उक्त यात्री को लाइन से हटकर खड़े होने के लिए कहा ताकि सुरक्षा जांच वाली कतार में लगे अन्य यात्रियों को असुविधा न हो। अधिकारियों ने इस दौरान उसे काफी समझाने की कोशिश की। वहां मौजूद अधिकारियों ने उससे साफ़ कहा कि बिना सुरक्षा जांच किए हुए उसे यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। हालांकि बाद में काफी समझाने के बाद वह सुरक्षा जांच के लिए तैयार हो गया। सुरक्षा जांच के बाद यात्री को विमान में बैठने की अनुमति दी गई। सीआईएसएफ ने उक्त यात्री के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया। इस दौरान वहां मौजदू यात्रियों ने सीआईएसएफ कर्मियों के धैर्य की सराहना की।