मंगलवार को बंगाल में दूसरे चरण के चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। इसी चरण में नंदीग्राम सीट पर भी मतदान होने हैं। पूरे बंगाल में नंदीग्राम सीट तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी अहम है। वर्षो तक साथ राजनीति करने के बाद ममता बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी आमने -सामने हैं। 2.47 लाख मतदाता वाले इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम वोटर्स की संख्या लगभग 62 हजार है।
2016 के पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले सुवेंदु अधिकारी ने सीपीआई के प्रत्याशी अब्दुल कबीर शेख को 81 हजार से भी अधिक मतों से चुनाव में हराया था। उस चुनाव में सुवेंदु अधिकारी को 1 लाख 34 हजार 623 मत मिलें थे। लेकिन इस चुनाव में हालात बदल गए हैं। उनके सामने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं है। साथ ही उन्होंने ऐलान किया है कि वो गुरुवार तक वहीं रहेंगी।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि बंगाल में अधिकारी परिवार की लगभग 60 सीटों पर मजबूत पकड़ रही है। यही कारण है कि चुनाव से ठीक पहले सुवेंदु अधिकारी को बीजेपी ने पार्टी में शामिल करवा कर ममता बनर्जी को झटका दिया था। लेकिन ममता बनर्जी ने भी नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का एलान कर सुवेंदु अधिकारी को अपनी ही सीट पर उलझा दिया है। नंदीग्राम की लड़ाई को लेकर दोनों में से कोई भी दल कोई भी गलती नहीं करना चाह रहा है।
ममता ने व्हील चेयर पर किया था रोड शो: नामाकंन के दौरान नंदीग्राम में घायल होने के बाद ममता बनर्जी व्हील चेयर पर है। टीएमसी की तरफ से लोगों से भावनात्मक अपील भी की जा रही है। सोमवार को ममता ने नंदीग्राम में व्हील चेयर पर बैठकर 8 किमी लंबा रोड शो किया था। उन्होंने कहा था कि ‘अधिकारी न घर के रहेंगे न घाट के।’
अमित शाह और मिथुन ने लगाया दम: चुनाव प्रचार के अंतिम दिन मंगलवार को बीजेपी की तरफ से भी पूरी ताकत झोंक दी गयी है। गृहमंत्री अमित शाह जहां सुवेंदु के समर्थन में लोगो से वोट देने की अपील कर रहे हैं वहीं मिथुन चक्रवर्ती से भी रोड शो करवाया जा रहा है।
लेफ्ट से मिनाक्षी मुखर्जी है उम्मीदवार: कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन ने इस चुनाव में मिनाक्षी मुखर्जी को उम्मीदवार बनाया है। मिनाक्षी मुखर्जी युवा नेता है और माकपा के युवा संगठन डीवीएफआई की अध्यक्ष हैं।