बता दें कि 18 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है। इससे पहले लोकसभा सचिवालय द्वारा एक नई बुकलेट जारी की गई है, जिसमें ‘जुमलाजीवी’, ‘बाल बुद्धि’, ‘कोविड स्प्रेडर’ और ‘स्नूपगेट’ जैसे कई शब्दों को असंसदीय भाषा करार दिया गया है। अब ऐसे शब्दों को लोकसभा और राज्यसभा में असंसदीय माना जाएगा और संसद की कार्यवाही से हटा दिया जाएगा।

18 जुलाई से संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है। इससे पहले लोकसभा सचिवालय से अमर्यादित शब्दों की लिस्ट जारी की गई है। इसमें अंग्रेजी-हिन्दी के कई शब्दों को रखा गया है। बुकलेट जारी होने के एक दिन बाद विपक्ष ने इसे ‘असंसदीय’ कहा है। गुरुवार को तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह का प्रतिबंध अनावश्यक है।

अभिषेक मनु सिंघवी क्या बोले: कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने एक ट्वीट में लिखा, “अगर आप अपनी आलोचना में रचनात्मक नहीं हो सकते तो संसद का क्या मतलब है? जुमलाजीवी को जुमलाजीवी नहीं बोलेंगे तो क्या बोलेंगे? शब्दों पर प्रतिबंध लगाना अनुचित है!” उन्होंने कहा कि पाखंड, शर्म, गाली आदि पर प्रतिबंध कैसे लगाया जा सकता है?

सांसद डेरेक ओ ब्रायन बोले: सरकार के इस फैसले पर तंज कसते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि वह इन शब्दों का इस्तेमाल करेंगे। सरकार चाहे तो उन्हें निलंबित कर सकती है।

टीएमसी सांसद ने क्या कहा: इस सूची पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि बैठ जाएं, बैठ जाइये, प्रेम से बोलें। लोकसभा और राज्यसभा के लिए संसदीय शब्दों की सूची में ‘संघी’ शब्द क्यों शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए सभी शब्दों के इस्तेमाल पर भाजपा प्रतिबंध लगा रही है। उन्होंने कहा कि क्या क्या “सत्य” असंसदीय है?

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने क्या कहा: राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक मीम शेयर करते हुए का कि वहीं दूसरी तरफ शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक पुराने मीम का जिक्र करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि अगर करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ वाह मोदी जी वाह!

अधीर रंजन ने कहा: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “आज कहते हैं कि यह शब्द इस्तेमाल नहीं हो सकते, कल कहेंगे कि संसद में आना है तो भगवा कपड़े पहनकर आओ। इन चीज़ों को देखने के लिए संसद में नियम और नैतिक समितियां हैं। यह दूसरा संसद बनाकर दूसरा गणतंत्र बनाते जा रहे हैं। हम इन शब्दों में इस्तेमाल करते रहेंगे। मोदी जी और अमीत शाह जी ‘जुमले’ का मतलब जाकर पढ़ लें।”

आप के राघव चड्ढा ने क्या कहा: आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि इस लिस्ट को देखकर लगता है कि सरकार बखूबी जानती है कि उनके काम को कौन से शब्द परिभाषित करते हैं। राघव चड्ढा ने कहा कि एक अजीब सी लिस्ट सामने आई है जिसमें ‘जुमलाजीवी’ कहना असंसदीय हो गया है लेकिन ‘आंदोलनजीवी’ कहना असंसदीय नहीं’ है।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे: सीनियर कांग्रेस नेता ने कहा, “संसद में एक किताब बनती है जिसमें लिखा होता है कि कौन से शब्द असंसदीय हैं और कौन से संसदीय होते हैं। उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी ने) जो शब्द अपने संसदीय जीवन में कहे और बोले हैं वही शब्द हम बोलेंगे और उनको बताएंगे कि उनकी बहस में उन्होंने क्या कहा।” उन्होंने कहा कि वे जब खुद कहते हुए आए हैं आज उनको क्यों लग रहा है कि यह शब्द ठीक नहीं है।

किन शब्दों पर लगा प्रतिबंध: अराजकतावादी, शकुनि, तानाशाह, तानाशाही, जयचंद, विनाश पुरुष, खालिस्तानी और ‘खून से खेती’ दोनों सदनों में बहस के दौरान या अन्यथा उपयोग किए जाने पर भी कार्यवाही से हटा दिए जाएंगे। बुकलेट के अनुसार लोकसभा सचिवालय ने ‘दोहरा चरित्र’, ‘निकम्मा’, ‘नौटंकी’, ‘ढिंडोरा पीटना’ और ‘बहरी सरकार’ जैसे शब्दों को असंसदीय शब्दों में सूचीबद्ध किया है।

इसके अलावा गद्दार, गिरगिट, घड़ियाली आंसू, अपमान, असत्य, अहंकार, करप्ट, काला दिन, काला बाजारी, खरीद फरोख्त, दंगा, दलाल, दादागिरी, बेचारा, बॉबकट, लॉलीपॉप, विश्वासघात, संवेदनहीन, मूर्ख, पिट्टठू, सेक्सुअल हॉरसमेंट को इस सूची में शामिल किया गया है।

अंग्रेजी के इन शब्दों को सूची में शामिल किया गया: Bloodshed, Bloody, Betrayed, Ashamed, Abused, Cheated, Chamcha, Chamchagiri, Chelas, Childishness, Corrupt, Coward, Criminal,Crocodile tears Disgrace, Donkey, Drama, Eyewash, Fudge, Hooliganism, Hypocrisy, Incompetent, Mislead, Lie, Untrue को इस सूची में शामिल किया गया है।