Mansa Devi Temple Stampede: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ मचने से कई लोगों की मौत हो गई है। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। अब इस हादसे के बाद फिर गंभीर सवाल उठने शुरू हो चुके हैं- आखिर धार्मिक स्थलों पर इस तरह की भगदड़ क्यों मचती है? इन मौतों के लिए किसे जिम्मेदार माना जाए? आखिर प्रशासन सबक क्यों नहीं लेता?
इस साल की बात करें तो मनसा मंदिर से पहले भी कई दूसरी जगहों पर भयंकर भगदड़ मच चुकी है। यहां जानते हैं कि इस साल कहां-कहां भगदड़ की घटनाएं हुईं और कितने लोगों ने इसमें अपनी जान गंवाई-
RCB विक्ट्री परेड के दौरान भगदड़
बेंगलुरु में आरसीबी की विक्ट्री परेड के दौरान इस साल भगदड़ मच गई थी। बेंगलुरु में मची भगदड़ का सबसे बड़ा कारण ओवरक्राउडिंग रहा है। इसके ऊपर क्योंकि पुलिस का जरूरी संदेश समय रहते आम लोगों तक नहीं पहुंचा, उस वजह से भी एक कम्युनिकेशन गैप बना और इतना बड़ा हादसा हो गया। इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हुई थी।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर भगदड़
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ उत्सव के दौरान मौनी अमावस्या की रात भगदड़ मच गई थी। संगम नोज पर स्नान करने की जिद ने कई लोगों की जान ली। सरकार के मुताबिक इस हादसे में 30 लोगों की दर्दनाक हुई और 60 से ज्यादा घायल हुए। मरने वालों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल रहे। मीडिया रिपोर्ट्स तो दावा करती हैं कि मौत का आंकड़ा इससे कहीं अधिक रहा।
दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ के दौरान जबरदस्त भीड़ की वजह से भगदड़ मच गई थी और इसमें 18 लोगों की मौत हुई। यहां भी घायलों का आंकड़ा काफी ज्यादा रहा। असल में ट्रेन के प्लेटफॉर्म नंबर को लेकर कन्फ्यूजन हुआ और उसी वजह से लोगों ने भागना शुरू कर दिया। पहले कहा गया कि प्रयागराज जाने वाली ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 12 पर आएगी, फिर कहा गया कि कुंभ स्पेशल ट्रेन तो प्लेटफॉर्म नंबर 16 से रवाना होगी। इसी वजह से लोग एक दूसरे पर गिरे और 18 की मौत हो गई।
तिरुपति मंदिर में मची भगदड़
इस साल 8 जनवरी तिरुपति मंदिर में भी भगदड़ मची थी, असल में टोकन लेने के दौरान 4000 से 5000 श्रद्धालु आ गए थे। उस वजह से भीड़ को पुलिस काबू नहीं कर पा रही थी और इसी वजह से भगदड़ मच गई। इस हादसे में 6 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। पीड़ितों ने बताया था कि लोग सिर्फ एक दूसरे पर गिरते और किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था।
वैसे इस साल जरूर इन तीन घटनाओं का जिक्र किया है, लेकिन इसके अलावा भी छोटी-मोटी भगदड़ की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इसके ऊपर पिछले साल हाथरस में भी बड़ा हादसा हुआ था। असल में भोले बाबा के पैर की धूल छूने के लिए भक्तों में ऐसी होड़ मची लोग एक दूसरे के ऊपर गिर गए थे। इसके ऊपर बताया गया कि जरूरत से ज्यादा भीड़ वहां पहुंची थी, उस वजह से भी हालात बेकाबू हुए। इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई थी।
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