बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Bangladesh PM Sheikh Hasina) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 600 किलो आम भेजे हैं। सोमवार को इसकी जानकारी अधिकारियों द्वारा दी गई। कोलकाता स्थित बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमिशन की तरफ से जानकारी दी गई है कि कूटनीतिक प्रयासों के मद्देनजर शेख हसीना ने हिमसागर आम और लंगड़ा आम ममता बनर्जी को गिफ्ट किए हैं।

शेख हसीना ने ममता बनर्जी के अलावा भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को भी आम भेजे हैं। इस सभी राज्यों की सीमा बांग्लादेश से लगती है। पिछले साल भी शेख हसीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम के मुख्यमंत्रियों को भी गिफ्ट में आम भेजे थे।

पिछले साल भेजे थे आम्रपाली आम – द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने पिछले साल असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को जुलाई महीने में आम्रपाली आम भेजे थे। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में भी शेख हसीना ने पीएम मोदी और ममता बनर्जी को आम भेजे थे। तब शेख हसीना ने 2600 किलो आम इन दोनों नेताओं को भेजे थे। 2021 में शेख हसीना ने हरीभंगा आम के 260 बॉक्स पीएम मोदी और ममता बनर्जी के लिए भेजे थे। हरीभंगा आम बांग्लादेश के रंगपुर में उगाया जाता है।

4000 किलोमीटर सीमा शेयर करते हैं इंडिया और बांग्लादेश

बांग्लादेश तीन दिशाों से भारत से घिरा हुआ है। भारत और बांग्लादेश 4096 किलोमीटर लंबी सीमा शेयर करते हैं। भारत के प्रयासों से ही बांग्लादेश पाकिस्तान से आजादी प्राप्त कर पाया था और भारत ही दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसने बांग्लादेश को आजाद मुल्क के रूप में सबसे पहले मान्यता दी थी।

शेख हसीना और पीएम नरेंद्र मोदी के शासन काल में दोनों देशों के रिश्ते और भी ज्यादा मजबूत हुए हैं। बांग्लादेश भारत का 6वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। साल 2011 से ही भारत ने 2011 से दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) के तहत तंबाकू और शराब को छोड़कर सभी टैरिफ लाइनों पर बांग्लादेश को शुल्क मुक्त कोटा मुक्त पहुंच प्रदान की है।

दोनों देशों के बीच ये समस्याएं

Teesta River Water Dispute: तीस्ता नदी भारत से निकलकर बांग्लादेश के रास्ते बंगाल की खाड़ी में गिरती है। पश्चिम बंगाल के करीब आधा दर्जन जिले इस नदी के पानी पर निर्भर हैं। यह नदी बांग्लादेश के रंगपुर में धान की सिंचाई का एक प्रमुख स्रोत भी है। बांग्लादेश का कहना है कि उसे नदी के पानी का उचित हिस्सा नहीं मिलता है। भारत में नदी का पानी स्टेट सब्जेक्ट है। इस विषय पर भारत सरकार और राज्य सरकार एकमत नहीं है। इसके अलावा बांग्लादेश से होने वाली अवैध घुसपैठ भी एक बड़ी समस्या है।