बीएसएफ ने बांग्लादेशी मीडिया की उन रिपोर्ट्स को पूरी तरह खारिज कर दिया है, जिनमें दावा किया गया था कि छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के दो आरोपी भारत में दाखिल हो गए हैं। मेघालय में तैनात BSF के इंस्पेक्टर जनरल ओपी उपाध्याय ने ANI से कहा कि ये सभी दावे पूरी तरह झूठे, गढ़े हुए और भ्रामक हैं। इनका कोई ठोस आधार नहीं है।
ओपी उपाध्याय ने कहा कि सिर्फ तीन दिन पहले ही बांग्लादेशी मीडिया ने एक IG रैंक अधिकारी के हवाले से यह रिपोर्ट की थी कि आरोपियों के भारत आने का कोई सबूत नहीं है। अब उसी मामले में एक DIG स्तर के अधिकारी द्वारा इसके विपरीत बयान देना बेहद विरोधाभासी है।
उन्होंने आगे बताया कि कुछ रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया कि मेघालय पुलिस ने इन दोनों व्यक्तियों को हिरासत में लिया है, लेकिन जब इस दावे की पुष्टि की गई तो मेघालय पुलिस ने साफ इनकार कर दिया।
BGB ने भी कोई सूचना नहीं दी
BSF अधिकारी ने स्पष्ट किया कि मेघालय सेक्टर से किसी भी तरह की सीमा पार गतिविधि नहीं हुई है। यहां तक कि बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (BGB) की ओर से भी किसी तरह की घुसपैठ की सूचना नहीं दी गई है। उन्होंने BGB को एक बेहद पेशेवर फोर्स बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि यह दावा कि आरोपी ढाका से करीब 300 किलोमीटर दूर किसी इलाके से भारत में दाखिल हो गए, बेहद अविश्वसनीय है। बांग्लादेश में व्यापक CCTV निगरानी और कई चेकपोस्ट होने के बावजूद ऐसा होना संभव नहीं लगता। इसलिए बांग्लादेशी मीडिया में प्रकाशित सभी रिपोर्टें तथ्यहीन और मनगढ़ंत हैं।
बांग्लादेश के अखबारों में क्या छपा?
बांग्लादेश की न्यूज वेबसाइट ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट में ढाका पुलिस के हवाले से दावा किया गया था कि उस्मान हादी की हत्या का मुख्य आरोपी अपने एक सहयोगी से साथ भारत भाग गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि इसमें भारत के दो नागरिकों ने उनकी मदद की। ढाका पुलिस ने दावा किया कि मेघालय पुलिस ने इस मामले में दो भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है।
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