ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार (3 जून) को हुए रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई है जबकि 1100 से अधिक यात्री घायल हैं। इस रेल हादसे के बाद से कांग्रेस, केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर है। पार्टी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हादसे में सैकड़ों लोगों की जान चली गई और किसी की जिम्मेदारी अभी तक तय नहीं की गई है।
रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए
रविवार (4 जून) को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “हम मानव त्रासदी के दौरान राजनीतिक स्कोर की तलाश नहीं करते हैं। माधवराव सिंधिया, नीतीश कुमार और लाल बहादुर शास्त्री ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया। रेल मंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए लेकिन मोदी और नैतिकता विपरीत दिशा में चलती है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस्तीफा देने का मतलब है नैतिक जिम्मेदारी लेना। इस सरकार में न जिम्मेदारी दिखती है, न नैतिकता। प्रधानमंत्री जी, ये देश उम्मीद करता है कि जिस तरह लाल बहदुर शास्त्री जी, नीतीश कुमार जी, माधव राव सिंधिया जी ने इस्तीफा दिया था, उस तरह आप भी अपने रेल मंत्री का इस्तीफा लें।”
क्या PM सदी की सबसे भयावह रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी लेंगे- Congress
कांग्रेस ने सवाल उठाया, “क्या PM सदी की सबसे भयावह रेल दुर्घटना की जिम्मेदारी लेंगे? क्या प्रधानमंत्री जी, अपने रेल मंत्री का इस्तीफा लेंगे? CAG, पार्लियामेंट स्टैंडिंग कमेटी जैसी रिपोर्ट्स पर PM की तरफ से कौन जवाब देगा? हमारी स्पष्ट मांग है कि रेल मंत्री को तुरंत हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा देना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने अपने चारों तरफ कवच बना लिया है- कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने प्रेसवार्ता में कहा कि रेल हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदनाएं हैं। भारतीय सेना, पुलिस, एनडीआरएफ और ओडिशा के लोगों को धन्यवाद लेकिन हमारी सरकार उतनी संवेदनशील नहीं है। प्रधानमंत्री ने अपने चारों तरफ कवच बना लिया है, जो आपको स्क्रूटनी से बचा लेता है, जिम्मेदारी से बचाता है, छवि बचाता है लेकिन देश की सीमाओं और रेल यात्रियों को नहीं मिलता है।
पवन खेड़ा ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि रेल मंत्री ट्रेनों में कवच की बात करते हैं लेकिन असल कवच तो पीएम मोदी के पास है। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह ऐसा कवच है जो पीएम को सभी जांच और टेलीविजन बहस से बचाता है लेकिन यह देश के लोगों की रक्षा नहीं करता है।
CAG की रिपोर्ट पर क्या कदम उठाए गए?
कांग्रेस ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “CAG की रिपोर्ट बताती है कि 2017 से 2021 के बीच ट्रेन के पटरी से उतरने की 1127 घटनाएं हुई हैं। मोदी सरकार में ट्रैक की मरम्मत/नवीनीकरण का बजट हर साल कम होता जा रहा है। यही नहीं, जो बजट है उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है। हम हाई-स्पीड ट्रेन के खिलाफ नहीं हैं लेकिन 10-15 चमकती ट्रेन दिखाकर आप पूरा ढांचा खोखला कर देंगे, ये मंजूर नहीं है।”
पवन खेड़ा ने कहा, “आप रेल मंत्री के ट्विटर टाइमलाइन पर जाएंगे तो रेलवे की हकीकत दिख जाएगी। रेल विभाग में 3.12 लाख पद खाली हैं। 9 फरवरी को रेल मिनिस्ट्री में सर्कुलेट हुई आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया कि सिग्नल इंटरलॉकिंग सिस्टम में खामी है। ये सही नहीं हुई तो हादसे होते रहेंगे। हम जानना चाहते हैं कि इस रिपोर्ट पर क्या कदम उठाए गए?”