अयोध्या में श्रीराम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की तिथि जैसे-जैसे पास आ रही है, विपक्ष के कुछ नेताओं की बयानबाजी भी तेज होती जा रही है। एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के हाल के बयान पर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कड़ा प्रतिरोध जताया है। उन्होंने कहा, “भगवान राम सबके हैं…भगवान राम एक महान नेता हैं। राम मंदिर जातिवाद के लिए नहीं बल्कि सभी राम भक्तों की आस्था के लिए बनाया जा रहा है…।”

AIMIM नेता ने की थी मस्जिदों को बचाने की अपील

ओवैसी ने कुछ दिन पहले ही एक जनसभा को संबोधित करते हुए युवाओं से अपील की थी कि वो मस्जिद को आबाद रखें, कहीं ऐसा न हो कि मस्जिदें हमसे छीन ली जाएं। उन्होंने कहा, “नौजवानों मस्जिद को आबाद रखो। हमारी मस्जिदें हमसे छीन ली गईं। नौजवानों तुमसे मैं कह रहा है, वहां पर क्या हो रहा है, ये सब आप देख रहे हो। नौजवानों क्या तुम्हारे-हमारे दिलों में तकलीफ़ नहीं होती? कहीं ऐसा न हो कि मस्जिदें हमसे छीन ली जाएं।”

शास्त्री ने कहा- पूरी दुनिया इस दिन का कर रही प्रतीक्षा

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “…यह सिर्फ उनके डर को दिखाता है… हम मस्जिद पर मंदिर नहीं बनाना चाहते बल्कि मंदिरों का पुनर्निर्माण करना चाहते हैं…।” 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह पर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री बोले, “यह सभी हिंदुओं और सनातनियों के लिए सबसे बड़ी जीत है। यह कार्यक्रम दिवाली के त्योहार से भी ज्यादा खास है… सभी भगवान राम भक्त दुनिया इस दिन का इंतज़ार कर रही थी…।” उन्होंने कहा, “भगवान राम राजनीति का विषय नहीं हैं। ‘धर्म से राजनीति चलती है। राजनीति से धर्म नहीं चलता’…।”

इससे पहले समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर हंगामा मच गया था। उन्होंने बयान दिया था कि, “भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा एक ड्रामा है। यह सब साधु संत के भेष में आतंकी हैं।” हालांकि उनके बयान से उनकी पार्टी सहमत नहीं थी और वह खुद को अलग कर ली।

इसी तरह एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भी भगवान राम के बारे में अजीबोगरीब दावा करके हंगामा खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘राम हमारे हैं, बहुजनों के हैं। भगवान राम शिकार करके खाते थे। हम भी श्री राम के आदर्शों पर चल रहे हैं। राम को आदर्श बताकर लोगों पर शाकाहारी खाना थोपा जा रहा है। जो व्यक्ति 14 वर्षों तक जंगल में रहा हो वह शाकाहारी भोजन खोजने कहां जाएगा?’ विवाद बढ़ने पर उन्होंने खुद माफी मांग ली और कहा कि मुझे बोलने से पहले और रिसर्च कर लेना चाहिए था।