सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक से दिवालियों की लिस्‍ट देने को कहा है। सर्वोच्‍च अदालत ने इंडियन एक्‍सप्रेस में छपी खबर पर प्रसंज्ञान लेते हुए यह आदेश दिया है। इसके तहत कोर्ट ने आरबीआई से कहा कि वह 500 करोड़ रुपये और इससे ज्‍यादा के दिवालियों की सूची मुहैया कराए। कर्ज डूबने का मामला जनहित से जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने आरबीआर्इ और सरकार से यह भी पूछा कि वे सरकारी बैंकों के डूबे हुए धन की पूर्ति क‍ैसे करेंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों इंडियन एक्‍सप्रेस ने खबर दी थी कि 2013 से 2015 के बीच 29 सरकारी बैंकों ने 1.14 लाख करोड़ रुपये के लोन को डूबा हुआ घोषित किया है।

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मुख्‍य न्‍यायाधीश की अध्‍यक्षता वाली बैंच ने केन्‍द्र सरकार से पूछा कि वह भव्‍य जीवन जी रहे बड़े दिवालियों पर क्‍या कार्रवाई करेगी। कोर्ट ने बैंकों से पूछा कि वे बिना उचित गाइडलाइंस के इतना बड़ा लोन कैसे देते हैं। क्‍या उनके पास इस लोन को रिकवर करने का उपाय है। सर्वोच्‍च न्‍यायालय की ओर से मांगी गई जानकारी गोपनीय तरीके से सीलबंद लिफाफे में दी जाएगी।

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बता दें कि इंडियन एक्‍सप्रेस की ओर से दायर आरटीआई के जवाब में आरबीआर्इ ने बताया था कि मार्च 2012 तक बैंकों के 15551 करोड़ डूबे हुए थे। यह राशि मार्च 2015 तक बढ़कर 52542 करोड़ रुपये हो गई। स्‍टेट बैंक ऑफ सौराष्‍ट्र और स्‍टेट बैंक ऑफ इंदौर ही ऐसे बैंक थे जिनका इस अवधि में कोर्इ पैसा नहीं डूबा।