पकौड़े पर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संसद में दिए अपने पहले भाषण में इसका उल्लेख किया था। अब बाबा रामदेव ने भी इस पर बयान दिया है। उन्होंने टीवी चैनल ‘न्यूज 18 इंडिया’ से बात करते हुए कहा कि यदि पूरा देश चाय-पकौड़ा बनाना बंद कर देगा तो क्या सब डॉक्टर, इंजीनियर, बाबा रामदेव और नरेंद्र मोदी बन जाएंगे? रामदेव ने हर काम को गौरव देने की बात कही है। योग गुरु से व्यवसायी बने रामदेव ने कहा, ‘विरोधी कहते हैं कि स्वामी रामदेव पिछड़ी जाति का व्यक्ति है। एक अनपढ़ मां-बाप के घर पैदा हुआ, जिसके घर में कौड़ी नहीं थी। खाने को दो टुकड़े नहीं मिलते थे, वह आज बड़ा कैसे हो गया। मैंने अपने आप को कभी छोटी जाति या पिछड़ी जाति का माना ही नहीं। मैंने कहा मैं ईश्वर की संतान हूं, मैं राम-कृष्ण की संतान हूं, मैं भारत माता की संतान हूं। मैं इसके साथ आगे बढ़ा। मैंने गोबर उठाया…गोबर उठाना कोई पाप है क्या? मैं तो कहता हूं गोबर उठाने वाला गोवर्धन! गोबर तो धन है। मैंने खेत में काम किया। मैंने गोशाला में 20-20 गायों से दूध निकाला। मैंने 40-40 बच्चों को भिक्षा मांगकर खिलाया। इसलिए काम कोई छोटा नहीं होता है। मैं कहता हूं कोई चाय-पकौड़ा बेचने वाला हो, बेकरी में काम करने वाला हो, अखबार देने वाला हॉकर हो, झाड़ू लगाता हो या नालियां को साफ करने का काम करता हो कोई भी छोटा नहीं है। दलित समुदाय के कितने लोग यह काम करते हैं।’

प्रधानमंत्री के बयान पर जब सवाल पूछा गया तो रामदेव ने कहा कहा कि मोदी ने ऐसा नहीं कहा कि तकनीकी डिग्री लेकर आप पकौड़े तलें। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने कहा था कि यदि आप कुछ नहीं जानते हैं तो चाय-पकौड़े की दुकान तो लगा सकते हैं। रामदेव ने बताय कि 99 फीसद पंजाबी लोग ठेले लगाकर, मूंगफली बेच कर आगे बढ़े। ऐसे में हर आदमी को अपने काम को मान देना चाहिए। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में बेरोजगारी की समस्या पर पकौड़ा बनाने का उदाहरण दिया था। विपक्षी दल इसको लेकर पीएम मोदी की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। साथ ही देश के कई हिस्सों में सड़क पर पकौड़ा तल कर विरोध जता रहे हैं।