भारत में कोरोनावायरस महामारी का कहर जारी है। अब भी देश में हर दिन मरने वालों का आंकड़ा तीन हजार के ऊपर बना हुआ है। हालांकि, इस बीच भी बाबा रामदेव के एलोपैथी पर दिए गए बयान को लेकर उनके और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच ठनी है। जहां रामदेव इस मुद्दे को दबाने की कोशिश में हैं, वहीं आईएमए अब खुल कर रामदेव का विरोध कर रहा है। इस भिड़ंत को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स भी नाराजगी जता चुके हैं। हाल ही में बाबा रामदेव की एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जिसमें वे एक मंच पर लेटे हुए हैं और डॉक्टर स्टेथोस्कोप के जरिए उनकी धड़कन चेक कर रहे हैं। इसे लेकर लोगों ने रामदेव पर जबरदस्त निशाना साधा।
क्या बोले सोशल मीडिया यूजर्स?: अभी यह साफ नहीं है कि फोटो कहां की है। पर ट्विटर पर पोस्ट होने के बाद से ही इस पर जबरदस्त कमेंट्स आए हैं। एक यूजर @insenroy ने लिखा, “बाबा रामदेव अपने दिल से डॉक्टर के कानों का इलाज कर रहे हैं।” ऑस्कर गोम्स नाम के एक अन्य यूजर ने लिखा, “ये डॉक्टर ठीक नहीं हैं। रामदेव का दिल गलत जगह पर है। इसे ढूंढने के लिए किसी पतंजलि के डॉक्टर की जरूरत पड़ेगी।”
Baba Ramdev treating this poor doctor’s ears with his heart pic.twitter.com/uIPDoRBgfy
— Bodhisattva #DalitLivesMatter (@insenroy) June 1, 2021
एक और यूजर साहिल दवे ने फोटो की जानकारी देते हुए कहा, “कुछ भेजने से पहले थोड़ा दिमाग (अगर हो) तो लगा लो… यो फोटो अनशन की है जहां कांग्रेस सरकार ने रेगुलर चेकअप के लिए भेजा था…ना की कोई ट्रीटमेंट चल रहा है।”
This doctor is gone bonkers. Ramdev’s heart is in the wrong place. One needs patanjali doctors to locate it.
— Oscar Gomes (@oscar_gomes_1) June 1, 2021
वहीं अंबिका नाम के यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “ये स्टेथोस्कोप नहीं है, ये ब्लूटूथ डिवाइस है, जिससे सुबह का भूला एलोपैथी को शाम का पतंजलि में बदला जा रहा है।” एक यूजर @Chaiandchill ने कहा, “अब ऐसी कंडीशन में कोई बोले इनसे कि कपालभारती करो, तो?”
नहीं थम रहा रामदेव और IMA के बीच विवाद: बता दें कि रामदेव और आईएमए के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। एक दिन पहले ही डॉक्टरों ने देशभर में काली पट्टी पहनकर रामदेव के बयान का विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद आईएमए ने बयान जारी कर कहा कि योग गुरु रामदेव ने कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने संबंधी सरकार के प्रयासों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है और ऐसे समय में भ्रम पैदा करने वाले लोग राष्ट्र-विरोधी हैं।
आईएमए ने नागरिकों को एक खुले पत्र में यह भी आरोप लगाया कि रामदेव ने अपने उत्पादों के लिए बाजार तलाशने के एक मौके के रूप में राष्ट्रीय कोविड उपचार प्रोटोकॉल और टीकाकरण कार्यक्रम के खिलाफ अपना अभियान शुरू करना उचित समझा।

