Rooh Afza Row: योग गुरु बाबा रामदेव ने शुक्रवार को अपने विवादित ‘शरबत जिहाद’ वाले बयान का बचाव किया है। रामदेव ने कहा कि उन्होंने किसी खास ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया, जबकि कथित तौर पर रूह अफ़ज़ा को लेकर दिए गए सांप्रदायिक बयान की आलोचना हो रही है।

रामदेव ने कहा कि मैंने किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन रूह अफ़ज़ा वालों ने खुद पर ‘शरबत जिहाद’ ले लिया… इसका मतलब है कि वे यह ‘जिहाद’ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर वे इस्लाम के प्रति समर्पित हैं और मस्जिद और मदरसे बना रहे हैं, तो उन्हें खुश होना चाहिए। हालांकि, सनातनियों को समझना चाहिए… अगर किसी को इससे परेशानी है, तो उसे होने दें।

बता दें, यह विवाद इस सप्ताह बाबा रामदेव के बायन से शुरू हुआ। जिसकी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आलोचना की। जिन्होंने मंगलवार को भोपाल के टीटी नगर पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया और कथित तौर पर धार्मिक नफरत को बढ़ावा देने और सांप्रदायिक भावनाओं को आहत करने के लिए रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद सिंह ने अपनी शिकायत में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 196(1)(ए) और 299 के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं का हवाला दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि रामदेव पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से रूह अफ़ज़ा पर निशाना साध रहे हैं, यह कहकर कि इसकी बिक्री से होने वाली आय का इस्तेमाल मदरसों और मस्जिदों को फंड करने में किया जाएगा। इसे “शरबत जिहाद” करार दिया।

सिंह ने रामदेव के आधिकारिक एक्स अकाउंट से कथित रूप से शेयर किए गए एक वीडियो को फ़्लैग किया। सिंह ने कहा, “रामदेव का यह बयान दुखदायी, दुश्मनी से भरा और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला है। उन्होंने कहा कि रूह अफ़ज़ा की बिक्री को ‘शरबत जिहाद’ कहना न केवल अपमानजनक है, बल्कि असंवैधानिक भी है।

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उन्होंने आगे आरोप लगाया कि रामदेव ने अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए धर्म और राष्ट्रवाद का इस्तेमाल करके एक विशाल व्यापारिक साम्राज्य खड़ा किया है। सिंह ने दावा किया कि जिनमें से कई तो गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहे हैं या अदालतों द्वारा प्रतिबंधित हैं।

सिंह ने कहा कि पूरा देश जानता है कि रामदेव हमदर्द कंपनी की ओर इशारा कर रहे थे, भले ही उन्होंने सीधे तौर पर इसका नाम नहीं लिया। सिर्फ़ इसलिए कि मालिक मुस्लिम है, शरबत का विरोध करना नफ़रत भरा भाषण है।

सिंह ने कहा कि अगर पुलिस एक हफ़्ते के भीतर कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो वह कानूनी मदद के लिए अदालत का दरवाज़ा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा कि मैंने मौजूदा कानूनों के तहत एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की है। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रश्मि अग्रवाल ने पुष्टि की कि सिंह की शिकायत प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि हम शिकायत की जांच कर रहे हैं और तथ्यों के अनुसार कार्रवाई करेंगे।

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