योग दिवस इस साल कितना सफल होगा, यह जानने के लिए खास पहल की जा रही है। आयुष मंत्रालय ने इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से मदद मांगी है। ऐसा कर सरकार सैटेलाइट चित्रण के जरिए योग दिवस के कार्यक्रमों में शामिल होने वालों की संख्या का जायजा लेने पर विचार कर रही है। सैटेलाइट चित्रण का इस्तेमाल मौसम पूर्वानुमान, संचार व्यवस्था, दिशानिर्देशन प्रणाली के अलावा कई अन्य क्षेत्र में किया जाता है, मगर इस बार इसका इस्तेमाल 21 जून (अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस) को भी हो सकता है।
आयुष (आयुर्वेद, योग व नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होमियोपैथी) मंत्रालय ने इस संबंध में इसरो से संपर्क साधा है, ताकि वह मुख्य कार्यक्रम का सैटेलाइट चित्रण हासिल कर सके। आयुष में विशेष सचिव राजेश कोटेचा ने बताया, “हमने इसरो प्रमुख को चिट्ठी भेजी है। दरख्वास्त की है कि हमें सुबह सात से आठ बजे के बीच देश भर में योग के कार्यक्रमों के सैटेलाइट चित्र मुहैया कराए जाएं। हालांकि, उनका जवाब आना बाकी है, लेकिन उनकी ओर से हां के संकेत दिए गए हैं।”
2015 में शुरू किए गए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम स्थल दिल्ली, चंडीगढ़ और लखनऊ रहे हैं। तीनों जगह पर तकरीबन 50 हजार लोग हिस्सा ले चुके हैं और इस बार मुख्य कार्यक्रम में यह संख्या बढ़ने की संभावना है। योग दिवस का मुख्य आयोजन इस बार उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां 21 जून को कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, जो कि फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के मैदान में होगा। आयुष मंत्री श्रीपद येस्सो नायक ने कहा, “हमारे अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर में पिछले साल तकरीबन 10 करोड़ लोगों ने योग दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। हम इस संख्या के 100 फीसदी बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।”
मंत्रालय ने इसी के साथ योग प्रोटोकॉल भी तैयार किया है, जो कि 40 वर्ष से अधिक की महिलाओं के लिए होगा, जिन्हें इंडियन मेनोपॉज सोसायटी (आईएमएस) परामर्श देगा।