Ayodhya Ram Mandir-Babri Masjid Case Verdict: अयोध्या रामजन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले अयोध्या में सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। जिला प्रशासन किसी भी तरह की चूक नहीं रखना चाहता है। पूरे शहर की निगरानी ड्रोन कैमरे से कराई जा रही है। पंच कोसी परिक्रमा को लेकर अलग व्यवस्था की गई है। स्थानीय प्रशासन ने कई पीस कमेटियां बनाई हैं। इन कमेटियों में शामिल लोग पूरे जिले के कस्बों और गांवों में जाकर लोगों से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।पड़ोस के जिलों में कई दर्जन अस्थाई जेल परिसरों का निर्माण किया गया है।
स्कूल और प्राइवेट बिल्डिंग बनीं अस्थायी जेलें : अयोध्या के कई स्कूलों और प्राइवेट बिल्डिंगों को भी अस्थायी जेल के लिए चिन्हित किया गया है। अयोध्या के सभी इलाकों में फोर्स की तैनाती की गई है। बाजारों और दुकानों पर खास तौर पर नजर रखी जा रही है। हथियार लेकर चलने वालों पर कड़ी निगरानी है। अयोध्या के होटल, लॉज और सभी धर्मशालाओं की जांच की जा रही है। वहां आने-जाने वालों की रिपोर्ट रखी जा रही है। बिना पहचान पत्र के किसी को भी वहां ठहराने की इजाजत नहीं है। बड़े और ऊंचे भवनों में रूफटॉप पुलिस तैनात की जाएगी। कई जगह पानी की टंकियों को निगरानी टॉवर की तरह इस्तेमाल किया जाएगा।
#WATCH Police conducts surveillance with drone in Ayodhya, ahead of probable verdict in Ayodhya case (Source: UP Police) pic.twitter.com/cd8vvjMpkd
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 7, 2019
Hindi News Today, 07 November 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
पूरा प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर : पूरा प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर आ चुका है। अयोध्या में पुलिस-प्रशासन के साथ ही 30 बम निरोधक दस्ते की तैनाती की गई है। संभावना है कि दस नवंबर तक 150 कंपनियां केंद्र की और 150 कंपनियां राज्य सरकारी की ओर से वहां अतिरिक्त सुरक्षा के लिए तैनात की जाएंगी। 12 नवंबर की रात से सभी मंदिरों और धर्मशालाओं को खाली कराया जाएगा। साथ ही स्थानीय नागरिकों के अलावा कोई भी बाहरी नागरिक अयोध्या में नहीं रहेगा।
Babri Masjid-Ayodhya Ram Mandir Case Verdict Date 2019 Latest News
स्थानीय लोग भी सुरक्षा के लिए तैयार : अयोध्या में पुलिस-प्रशासन के अलावा स्थानीय लोगों ने भी सुरक्षा की दृष्टि से अपने को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाया है। स्थानीय संतों और धार्मिक नेताओं ने लोगों से किसी भी तरह के बयान नहीं देने की अपील की है। नागरिकों का आह्वान किया गया है कि वे किसी भी तरह के अफवाहों से बचें। खास तौर पर किसी को भड़काऊ मेसेज नहीं भेजें।