अहमदाबाद स्थित वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने विश्व हिन्दू परिसद के लिए अयोध्या में राम मंदिर पर काम शुरू किया दिया है। सोमपुरा का कहना है कि निर्माण शुरू होने के बाद पूरे मंदिर को बनाने में ढाई से तीन साल का समय लगेगा। सोमपुरा ने कहा कि मंदिर पर लगभग 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है। अनुमानित रूप से 50 करोड़ रुपये से 60 करोड़ रुपये की लागत से, मंदिर का निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थर से किया जाएगा, जिसे बंसी पहाड़पुर, राजस्थान से लाया जाएगा।

राम मंदिर में जिस पत्थर का इस्तेमाल किया जाएगा वही पत्थर गुजरात के गांधीनगर में अक्षरधाम मंदिर के निर्माण के लिए भी किया गया था। इसे भी सोमपुरा ने ही बनाया था। सोमपुरा ने अबतक 100 से ज्यादा मंदिरों का निर्माण किया है। उन्होंने नेसडेन में स्वामीनारायण मंदिर भी बनाया था। इस मंदिर को दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कहा जाता है।

सोमपुरा शुक्रवार को 77 साल के हो गए हैं। उनका जन्मदिन भाजपा के दिग्गज नेता और राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ आता है। अयोध्या विवाद पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद शनिवार को उनके घर-कार्यालय की डेस्क अयोध्या राम मंदिर के नक्सों, 3 डी छवि और दृश्य प्रतिनिधित्व से भरी हुई थी।

उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सोमपुरा ने ज्यादा कुछ नहीं कहा, उन्होंने बात को एक लाइन में कहते हुए कहा “फैसले के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह दोनों पक्षों के लिए उचित है।” उन्होंने कहा “वे और काम पर वापस आने का इंतजार कर रहा है, अब यह सरकार के ऊपर है कि तीन महीने में वे एक समिति गठित कर क्या निर्णय लेते हैं और मंदिर के लिए कितना धन आएगा।”

इस परियोजना को अब तक विहिप द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था और संगठन के दिवंगत अध्यक्ष अशोक सिंघल के निर्देशानुसार योजना बनाई गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अब एक ट्रस्ट स्थापित करने का निर्देश दिया है ऐसे में यह स्पष्ट नहीं होता है कि विहिप इसका हिस्सा होगी या नहीं।