राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। फैसला करीब साढ़े 10 बजे पढ़ा गया, हालांकि सुबह 8 बजे से ही कोर्ट के बाहर स्थित लॉन में निर्मोही अखाड़ा के एक वकील ने टीवी कैमरों के सामने जगह ले ली थी। उन्होंने मीडियावालों से कहा, ‘यह 150 साल पुरानी लड़ाई है। यह सब कुछ जब खत्म होगा तो देश की जीत होगी।’
फैसला आने से दो घंटे पहले पहले ही सुप्रीम कोर्ट के बाहर स्थित यह लॉन तीखी बहस और अटकलबाजियों का केंद्र बन गया था। सुबह 9 बजे के करीब विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय वकीलों से घिरे नजर आए। उन्होंने कहा, ‘मैंने 30 साल से यह लड़ाई लड़ी है। कोई बात नहीं अगर मुझे आखिरी मौके पर अदालत में एंट्री नहीं मिल पाई।’ दरअसल, अदालत में क्षमता से ज्यादा लोग पहुंच गए थे, जिसकी वजह से बहुत सारे लोगों को बाद में अंदर जाने से रोका गया।
हिंदू महासभा के सदस्य ‘दूसरी दिवाली’ के जश्न की तैयारियों में नजर आए। वहीं, भगवान राम लाल विराजमान की ओर से धर्मदास भी पहुंचे। कुछ जूनियर वकीलों ने उनके पैर छुए। उन्होंने कहा, ‘हनुमान हमारी मदद करेंगे। हमें बहुत ज्यादा नहीं सोचना चाहिए।’ इसके बाद, साढ़े 10 बजे से फैसले के अंश पढ़े जाने लगे। फिर सारे वकील अपने फोन पर व्यस्त हो गए। जैसे ही फैसले की तस्वीर साफ हुई, वकीलों की भीड़ बाहर लॉन के तरफ दौड़ी।
इनमें से एक वकील ने जेब से लाल कपड़ा निकाला और उसे लहराने लगा। इस पर ‘जय श्री राम’ लिखा था। शंख बजने लगे, लोग जीत के इशारे करने लगे और अदालत परिसर ‘जय श्री राम’ के नारों से गूंज उठा। वहीं, इस जश्न से दूरी बनाते हुए यूपी सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील सुप्रीम कोर्ट से बाहर निकल गए। पत्रकार उनके पीछे भागे, लेकिन वकील जफरयाब जिलानी ने सवाल नहीं लिए।
#AyodhyaVerdict : Lawyers Chanting Jai Sri Ram In SC premises pic.twitter.com/NxzcP0tuQy
— Live Law (@LiveLawIndia) November 9, 2019
इन वकीलों के समूह से एक एडवोकेट अलग हुआ और उसने दूसरे पक्ष के पास जाकर बधाई दी। वहीं, अपने फोन को देखते हुए अयोध्या वार्ता कमेटी के मौलाना सुहेब काज्मी ने कहा, ‘अगर वे मंदिर बनाना चाहते हैं तो उन्हें बनाने दो। यह दुख की बात है कि हम अपने मतभेदों को दूर करने के लिए अदालत आए थे।’ वहीं, अदालत के फैसले को समझने के बाद निर्मोही अखाड़ा के महंत राजा राम आचार्य ने कहा, ‘हमें एक बार फिर हाशिए पर डाल दिया गया।’