Ayodhya Ram Mandir-Babri Masjid Case Verdict: अयोध्या भूमि विवाद मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने राम मंदिर निर्माण के लिये पत्थरों को तराशने का काम बंद कर दिया है। विहिप ने 1990 के बाद से पहली बार पत्थरों को तराशने का काम बंद किया है। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि इस काम में लगे सभी कारीगर अपने घर वापस लौट गए हैं। उन्होंने कहा कि विहिप के नेताओं ने पत्थरों को तराशने का काम बंद करने का फैसला लिया है।

17 नवंबर से पहले आएगा फैसला:  उच्चतम न्यायालय 17 नवंबर से पहले राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में फैसला सुन सकता है। इसी दिन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई सेवानिवृत हो रहे हैं जिन्होंने इस मामले पर दलीलें सुनने वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता की है।

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फैसले को देख काम बंद किया गया : शरद शर्मा ने कहा, “हमने पत्थरों को तराशना रोक दिया है और राम जन्मभूमि न्यास तय करेगा कि तराशने का काम दोबारा कब शुरू किया जाएगा।” उन्होंने कहा, “अयोध्या पर आने वाले फैसले को ध्यान में रखते हुए हमारे संगठन की विभिन्न गतिविधियों से जुड़े हमारे सभी प्रस्तावित कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं।”

Babri Masjid-Ayodhya Ram Mandir Case Verdict Date 2019 Latest News

1990 से चल रहा है काम: विहिप ने राम मंदिर निर्माण कार्यशाला में 1990 में यहां राम मंदिर के निर्माण के लिये पत्थरों को तराशना शुरू किया था। उस समय समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। तब से कारीगर निर्बाध तरीके से यह काम कर रहे हैं।

1.75 लाख घन फुट पत्थर  तराशा जाना बाकि: विहिप के अनुसार 1.25 लाख घन फुट पत्थर पहले ही तराशा जा चुका है। संगठन का दावा है कि इतना पत्थर प्रस्तावित मंदिर की पहली मंजिल के निर्माण के लिये पर्याप्त है और शेष ढांचे के लिए 1.75 लाख घन फुट पत्थर अभी भी तराशा जाना है। विहिप ने विवादित मुद्दे पर फैसला आने से पहले अपने कार्यकर्ताओं से शांति बरतने और उन्मादी जश्न का माहौल बनाने से बचने की अपील की।