अयोध्या से दिल्ली जाने वाली इंडिगो की एक फ्लाइट में सवार यात्राी और उसके क्रू मेंबर्स की जान हलक में अटक गई। इसकी वजह यह थी कि दिल्ली जाने वाली उनकी इस फ्लाइट को खराब मौसम के चलते चंडीगढ़ डायवर्ट किया गया था, और दिक्कत यह थी कि उस प्लेन में महज 1-2 मिनट का ही फ्यूल था। इसके चलते सभी यात्री बुरी तरह घबरा गए। हालांकि अब इंडिगो की तरफ से बयान आया है, जिसमें कंपनी ने कहा कि प्लेन में पर्याप्त फ्यूल था।
कम फ्यूल के मामले को लेकर फ्लाइट में सवार एक यात्री ने सवाल उठाया कि क्या इंडिगो ने सभी मानकों का पालन किया भी था या नहीं। बता दें कि फ्लाइट SE 2702 दोपहर 3.25 पर अयोध्या से चली थी और उसे शाम 4:30 बजे दिल्ली लैंड होना था। इस फ्लाइट में दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर सतीश कुमार भी सवार थे, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि यह एख भयावह एक्सपीरियंस था।
दिल्ली पुलिस के डिप्टी कमिश्नर ने अपने पोस्ट में लिखा कि पायलट ने शाम करीब 4.15 बजे गंतव्य के करीब पहुंचने पर खराब मौसम के चलते यह जानकारी दी कि विमान में 45 मिनट तक का ईंधन है। उन्होंने बताया कि दो बार लैंडिंग का प्रयास किया गया लेकिन खराब मौसम के कारण ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा आया जब विमान नीचे उतरा और फिर उड़ गया।
फ्लाइट में मौजूद रहे दिल्ली पुलिस के अधिकारी ने बताया कि 5.30 बजे बताया गया कि प्लेन को चंडीगढ़ डायवर्ट किया जा रहा है। इस बीच बीच कई यात्रियों की तबीयत बिगड़ गई और क्रू के एक सदस्य को उल्टियां तक आने लगी थीं। सतीश कुमार ने कहा कि विमान में 45 मिनट का ईंधन बचे होने के ऐलान के 115 मिनट बाद शाम 6.10 बजे विमान को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर लैंड कराया गया था।
उन्होंने कहा कि हमें लैंड करने के बाद एक क्रू मेंबर से पता चला कि हमने बिल्कुल आखिरी वक्त पर लैंड किया है, दरअसल विमान में सिर्फ एक से दो मिनट का ही ईंधन बचा था। ये बहुत बड़ी लापरवाही है।
कुमार ने पोस्ट में नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भी टैग किया। बता दें कि इसी विमान में सवार रिटायर्ड पायलट शक्ति लांबा ने मामले को इंडिगो की ओर से सुरक्षा नियमों का घोर उल्लंघन बताते हुए डीजीसीए की ओर से जांच की मांग की है। हालांकि इंडिगो द्वारा जारी बयान में कहा कि प्लेन में पर्याप्त ईंधन था और यह एक नॉर्मल प्रक्रिया है।
इसको लेकर उन्होंने अपने एक्स पर लिखा कि दो बार फेल होने के बाद प्लेन को चंडीगढ़ डायवर्ट किया गया। यह फैसला काफी देर से लिया गया, तब तक काफी ईंधन बर्बाद हो गया था। यह सुरक्षा नियमों का घोर उल्लंघन है।