चैत्र नवरात्र के पहले दिन अयोध्या में श्री रामलला, उनके भाईयों और भक्त हनुमान नए अस्थायी मंदिर में विराजमान हुए। बुधवार तड़के तीन बजे रामलला को पालकी में बैठाकर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच नए मंदिर में विराजमान किया गया। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामलला को गोद में उठाकर चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया।
बता दें कि रामलला 492 साल बाद चांदी के सिंहासन पर विराजमान हुए हैं। इससे पहल रामलला साल 1528 में चांदी के सिंहासन पर विराजमान थे। इससे पहले तक रामलला जन्मभूमि में टेंट में विराजमान थे, जहां उनकी आखिरी बार आरती हुई। योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर निर्माण के लिए 11 लाख रुपए का चेक भी दान किया।
इससे पहले मंगलवार को मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने भगवान से नए स्थान पर विराजने की प्रार्थना की और सालों से चली आ रही उनकी आरती की परंपरा को पूरा किया। इसके बाद नए अस्थायी मंदिर के वास्तु का पूजन किया गया।
इसके बाद रामलला को मंदिर में विराजने के बाद उनका श्रृंगार हुआ और फिर अभिषेक और आरती हुई। यह कार्यक्रम सुबह 3 बजे से शुरू होकर सुबह 7 बजे तक चला। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने विशेष आरती भी की। अस्थायी मंदिर एक कुटी की तरह तैयार किया गया है, जिसे जर्मन पाइप लकड़ी व कांच से बनाया गया है।
राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट के सदस्य विमलेंद्र मोहन मिश्र ने बताया कि राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तिथि तय करने के लिए 4 अप्रैल को अयोध्या में होने वाली बैठक का आयोजन कोरोना वायरस संकट के चलते टल सकता है।
बता दें कि रामलला के अकाउंट में 2.81 करोड़ रुपए नकद और 8.75 करोड़ रुपए की एफडी जमा है। इसके साथ ही 230 ग्राम सोना, 5019 ग्राम चांदी व 1531 ग्राम अन्य धातुओं के आभूषण हैं।