महाकुंभ में संगम स्नान के बाद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या के ट्रस्टी स्वामी परमानंद महाराज की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सीने में तेज दर्द की शिकायत के बाद उन्हें पहले सेंट्रल हास्पिटल महाकुंभ में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी रही। डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें प्रयागराज स्वरूप रानी नेहरू (SRN) चिकित्सालय रेफर किया गया। वहां से हालत में सुधार न होने पर उन्हें एम्स, दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया।
स्नान के कुछ समय बाद ही सीने में दर्द की बात कही थी
77 वर्षीय स्वामी परमानंद महाराज ने माघी पूर्णिमा के अवसर पर संगम स्नान किया था। स्नान के कुछ समय बाद ही उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई। उनके शिष्यों ने तुरंत प्रशासन को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद एम्बुलेंस के जरिए उन्हें केंद्रीय चिकित्सालय ले जाया गया। वहां आईसीयू में भर्ती कर डॉक्टरों की टीम ने उपचार शुरू किया।
गंभीर हालत में कार्डियोलॉजी ICU में भर्ती कराया गया था
प्राथमिक जांच के बाद डॉक्टरों ने मामूली हृदयाघात की पुष्टि की। बेहतर इलाज के लिए उन्हें SRN अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. मनोज माथुर और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद शाहिद की टीम ने उनका परीक्षण किया। हृदय की स्थिति नाजुक देखते हुए उन्हें कार्डियोलॉजी ICU में भर्ती किया गया, लेकिन तबीयत में खास सुधार नहीं हुआ।
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चिकित्सकों की सिफारिश पर प्रशासन ने तत्काल निर्णय लेते हुए स्वामी परमानंद को एयर एंबुलेंस के जरिए एम्स, दिल्ली रेफर कर दिया। वहां हृदय रोग विशेषज्ञों की टीम उनकी निगरानी में उपचार कर रही है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
राम मंदिर आंदोलन में कई बार जा चुके हैं जेल
स्वामी परमानंद गिरि जी महाराज श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रमुख सदस्यों में से एक हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के मवई धाम में हुआ था। वर्तमान में वे हरिद्वार स्थित अखंड परमधाम आश्रम के संस्थापक और प्रमुख हैं। राम मंदिर आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिसके दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। स्वामी परमानंद जी ने राम मंदिर निर्माण के लिए संतों और संगठनों को संगठित करने में सक्रिय भूमिका निभाई और इसके समर्थन में कई धार्मिक और सामाजिक आंदोलन भी चलाए। उनकी आध्यात्मिक और सामाजिक सेवाएं उन्हें हिंदू समाज में एक सम्मानित और प्रभावशाली संत के रूप में स्थापित करती हैं।
स्वामी परमानंद की तबीयत बिगड़ने की खबर फैलते ही उनके अनुयायियों और श्रद्धालुओं में चिंता की लहर दौड़ गई। प्रयागराज में महाकुंभ में मौजूद कई साधु-संतों ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए विशेष प्रार्थनाएं कीं। वहीं, अयोध्या और प्रयागराज के संत समाज भी उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और निरंतर उनके लिए अनुष्ठान कर रहे हैं।