उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मंदिर निर्माण के लिए भक्तों ने दिल खोल कर दान दिया है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भक्तों ने तीन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का दान दिया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बुधवार को इसकी जानकारी दो।

निर्माण में कितना हुआ खर्च?

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि 2022 में शुरू हुए निधि समर्पण अभियान के बाद से देश भर से श्रद्धालुओं ने उदारतापूर्वक दान दिया है और राम मंदिर निर्माण के लिए भक्तों ने तीन करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि मंदिर परियोजना की कुल लागत लगभग 1800 करोड़ रुपये आंकी गई है और अब तक लगभग 1500 करोड़ रुपये का बिल तैयार हो चुका है।

ध्वजारोहण समारोह में शामिल होंगे पीएम

नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि 2022 के बाद दान देने वाले समेत सभी दानदाताओं को आगामी 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह में आमंत्रित किया जाएगा। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे और मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे। बुधवार को ध्वजारोहण समारोह का परीक्षण किया गया। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री के 70 एकड़ के मंदिर परिसर में शेषावतार मंदिर, कुबेर टीला और सप्त मंडपम भी जाने की उम्मीद है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष के अनुसार मुख्य मंदिर के अंदर एक बार में पांच हजार से आठ हजार श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था की गई है। दक्षिणी निकास द्वार तक दर्शन मार्ग में लगभग 20 मिनट लगेंगे जबकि सुग्रीव किले तक पूरे मार्ग में लगभग 40 मिनट लगेंगे।

अयोध्या में पूरा हुआ राम मंदिर निर्माण का काम, कलश और ध्वज भी स्थापित

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि ध्वजारोहण समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप देने और प्रधानमंत्री के दौरे एवं कार्यक्रम के विवरण पर चर्चा के लिए राम मंदिर निर्माण समिति की एक बैठक हुई। उन्होंने बताया कि समिति प्रधानमंत्री से अनुरोध करेगी कि वह ऋषियों और संतों के आश्रमों को दर्शाने वाले भित्तिचित्रों एवं सप्त मंदिर क्षेत्र को देखने के लिए समय निकालें।

नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए ध्वजारोहण समारोह में आठ हजार से अधिक लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले दानदाताओं, कंपनियों, आपूर्तिकर्ताओं और श्रमिकों को 25 नवंबर के बाद राम मंदिर परिसर में एक भव्य समारोह में सम्मानित किया जाएगा।