उच्चतम न्यायालय अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन की, मामले की पैरवी करने पर कथित धमकी मिलने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि अवमानना याचिका पर विचार किया जाएगा।  सिब्बल यहां धवन की ओर से पेश हुए थे। पीठ ने कहा, ‘‘ इसे कल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।’’ न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति डी. वाय. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस.ए. नजीर भी इस पीठ में शामिल थे।

प्रमुख याचिकाकर्ता एम सिद्दीक तथा ऑल इंडिया सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने एक पूर्व सरकारी अधिकारी के खिलाफ शुक्रवार को शीर्ष अदालत में अवमानना याचिका दायर की थी।  इसमें उन्होंने आरोप लगाया गया था कि सेवानिवृत्त शिक्षा अधिकारी एन. षणमुगम से 14 अगस्त, 2019 को उन्हें एक पत्र मिला, जिसमें उन्हें मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश होने की वजह से धमकी दी गयी थी।

बता दें कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन मालिकाना हक मामले में दायर याचिकाओं पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान बेंच सुनवाई कर रही है। अवमानना से जुड़ी अपनी याचिका में एडवोकेट धवन ने बताया कि उन्हें 14 अगस्त को लिखा एक खत मिला है, जिसमें शनमुगम ने उन्हें मुस्लिम पक्षकारों की ओर से कोर्ट में पेश होने को लेकर धमकी दी।

यह यह चिट्ठी उन्हें 22 अगस्त को रिसीव हुआ है। धवन के मुताबिक, उन्हें बजरंगी की ओर से वॉट्सऐप संदेश भेजा गया। धवन के मुताबिक, बजरंगी की यह कथित हरकत न्याय क्षेत्र में दखल है। धवन ने वॉट्सऐप पर दी गई कथित धमकियों की फोटोकॉपीज सुप्रीम कोर्ट के जजों के सामने रखी हैं। हालांकि, संदेश किस तारीख को भेजा गया, इस बात का जिक्र नहीं है। धवन का आरोप है कि उन्हें घर से लेकर कोर्ट के परिसर तक में मुस्लिम पक्षकारों का केस रखने के लिए सुनाया जा रहा है।

भाषा के इनपुट के साथ।