अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचलें तेज हो गई हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस मुद्दे पर संसद में बिल ला सकती है। गुरुवार (एक नवंबर, 2018) को सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा शीतकालीन सत्र में इससे जुड़ा प्राइवेट मेंबर बिल लाएंगे। सिन्हा ने इस बारे में ट्वीट कर कहा, “जो लोग बीजेपी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख बताइए? मेरा उनसे सीधा सवाल है- क्या वह मेरे प्राइवेट मेंबर बिल का समर्थन करेंगे? समय आ गया है, दूध का दूध और पानी का पानी करने का।”
उधर, बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने पत्रकारों से कहा कि संसद में असलियत पता लगेगी कि आखिर कौन राम भक्त है और कौन शिव भक्त। मंदिर निर्माण के लिए या तो अध्यादेश लाया जाए या फिर जमीन का अधिग्रहण किया जाए। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक टीवी इंटरव्यू में बताया कि बीजेपी सिर्फ और सिर्फ राम के नाम झूठ फैला रही है। यह महज लोगों को मूर्ख बनाने का तरीका है।
If I bring the Private Member Bill in Rajya Sabha on Ram Temple, what will be the position of Congress and left parties? asks @RakeshSinha01, MP Rajya Sabha #MandirBillNext pic.twitter.com/gbXrWhiSdD
— TIMES NOW (@TimesNow) November 1, 2018
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मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी का कहना है कि इस मसले न कोई कानून बनेगा और न ही विधेयक आए, क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के जफरयाब जिलानी बोले, “ऐसे बयान चुनाव में वोटों का फायदा पाने के लिए दिए जा रहे हैं। अगर उन्हें बिल लाना है, तो वह मोदी जी से जाकर बात करें। जनता के बीच जाकर ये बातें बोलने का क्या मतलब है?”
वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू ने बाराबंकी में बुधवार (31 अक्टूबर) को कहा था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। उनका मत है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। इससे पहले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मनमोहन वैद्य की इस मुद्दे पर टिप्पणी आई थी। आरआरएस की बैठक में उन्होंने कहा था कि मंदिर बनाने के लिए केंद्र में बैठी मोदी सरकार को जमीन का अधिग्रहण करना चाहिए।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में दायर दीवानी अपीलों को जनवरी, 2019 में एक उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध किया जाएगा। यह बात प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की इस मामले में बनी नई पीठ ने कही थी। भूमि विवाद मामले में दीवानी अपील इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर की गई है।
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