आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। आतिशी अभी तक अरविंद केजरीवाल की सरकार में शिक्षा, पीडब्ल्यूडी सहित कई अहम मंत्रालयों को संभाल रही थीं। याद दिलाना होगा कि अरविंद केजरीवाल ने बीते रविवार को कहा था कि वह मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देंगे और दिल्ली में आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए लोगों के बीच जाएंगे।
जानना जरूरी होगा कि आतिशी कौन हैं।
आतिशी के माता-पिता दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। उनके पिता का नाम विजय कुमार सिंह और मां का नाम त्रिप्ता वाही है। आतिशी की स्कूलिंग स्प्रिंगडेल स्कूल नई दिल्ली से हुई है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से पढ़ाई की और मास्टर्स की डिग्री ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से हासिल की। कुछ साल बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड से रोड्स स्कॉलर के रूप में एजुकेशन रिसर्च में अपनी दूसरी मास्टर डिग्री हासिल की।
कालकाजी सीट से विधायक हैं आतिशी
आतिशी दिल्ली की कालकाजी सीट से विधायक हैं और सरकार के फैसलों को मीडिया के सामने प्रमुखता से रखती हैं। आतिशी ने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में सात साल काम किया है, जहां उन्होंने जैविक खेती और शिक्षा प्रणाली पर काम किया। वहां वह कई गैर-लाभकारी संगठनों के साथ काम करती रहीं, जहां पहली बार उनकी मुलाकात आम आदमी पार्टी के सदस्यों से हुई।
शुरुआत से ही आप से जुड़ गई थीं आतिशी
आतिशी आम आदमी पार्टी के गठन के वक्त से ही पार्टी के साथ जुड़ी हुई हैं। दिल्ली में जब पहली बार आम आदमी पार्टी ने 2013 में विधानसभा का चुनाव लड़ा तो आतिशी को घोषणा पत्र बनाने वाली कमेटी में जगह दी गई। उस दौरान उन्होंने पार्टी की नीतियों को बनाने में वरिष्ठ नेताओं के साथ काम किया। पिछले कुछ सालों में वह पार्टी के मुख्य चेहरे के रूप में उभरी हैं।
आतिशी पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार रही हैं। आम आदमी पार्टी में फैसले लेने वाली सबसे बड़ी कमेटी पॉलीटिकल अफेयर्स कमेटी की भी आतिशी सदस्य हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पूर्वी दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा था हालांकि उन्हें हार मिली थी।
संगठन और सरकार का चेहरा बनीं आतिशी
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के लंबे वक्त तक कथित आबकारी घोटाले के मामले में जांच एजेंसी का सामना करने और जेल की सलाखों के पीछे होने के दौरान मीडिया के सामने आम आदमी पार्टी का कोई सबसे बड़ा चेहरा बनकर आया तो वह आतिशी ही हैं।
यहां याद दिलाना होगा कि आम आदमी पार्टी का पिछले कुछ सालों से लगातार केंद्र सरकार और बीजेपी से टकराव चल रहा है। दिल्ली का बॉस कौन मुख्यमंत्री या उप राज्यपाल, इसे लेकर दिल्ली में जबरदस्त घमासान भी देखने को मिल चुका है लेकिन पार्टी की मुश्किलों में इजाफा तब हुआ जब कथित आबकारी घोटाले में सभी दिग्गज नेताओं को जेल जाना पड़ा।
निश्चित रूप से ऐसे वक्त में और पार्टी पर समय-समय पर आते रहे संकटों से पार्टी को निकालने में आतिशी ने अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा कई राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी आतिशी ने पार्टी के द्वारा दिए गए टास्क को पूरा किया। इसीलिए केजरीवाल और सिसोदिया ने उन पर भरोसा जताया और उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी।