महाराष्ट्र पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नासिक में 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया। इसके साथ ही पीएम ने प्रदेश में 30,500 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत की। पीएम मोदी शुक्रवार को ही मुंबई ट्रांस-हार्बर लिंक (MTHL) का उद्घाटन किया, जिसे अब ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ नाम दिया गया है। आइये जानते हैं 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बने इस पुल पर कितनी स्पीड से गाड़ी चला सकते हैं और किन चीजों पर रोक है।
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) पर चार पहिया वाहनों के लिए अधिकतम स्पीड लिमिट 100 किमी प्रति घंटा होगी। कार, टैक्सी, हल्के मोटर वाहन, मिनीबस और टू-एक्सल बसों जैसे वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा है। पुल के चढ़ने और उतरने पर स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक सीमित रहेगी
किन चीजों की नहीं है इजाजत?
पुलिस ने बुधवार को बताया कि समुद्री पुल पर बाइक, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टरों को अनुमति नहीं दी जाएगी। मोटरसाइकिल, मोपेड, तिपहिया वाहन, जानवरों द्वारा खींचे जाने वाले वाहन और धीमी गति से चलने वाले वाहनों के लिए भी प्रवेश नहीं होगा। मुंबई की ओर जाने वाले मल्टी-एक्सल भारी वाहनों, ट्रकों और बसों को ईस्टर्न फ्रीवे पर प्रवेश नहीं मिलेगा।
इन वाहनों को आगे की आवाजाही के लिए मुंबई पोर्ट-सिवड़ी निकास (EXIT 1C) लेना होगा और ‘गाडी अड्डा’ के पास एमबीपीटी रोड का उपयोग करना होगा। एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई पुलिस ने जनता को खतरे, रुकावटों और असुविधाओं से बचाने के लिए भारत के सबसे लंबे समुद्री पुल पर स्पीड लिमिट लगा दी है। MTHL मुंबई के सेवरी से शुरू होता है और रायगढ़ जिले के उरण तालुका के न्हावा शेवा में समाप्त होता है। मुंबई की ओर जाने वाले मल्टी-एक्सल भारी वाहनों, ट्रकों और बसों को ईस्टर्न फ्रीवे पर प्रवेश नहीं मिलेगा।
अटल सेतु का निर्माण 17,840 करोड़ की लागत से किया गया
अटल सेतु का निर्माण 17,840 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। पीएम मोदी ने दिसंबर, 2016 में इस पुल की आधारशिला रखी थी। यह भारत का सबसे लंबा पुल और भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। यह पुल लगभग 21.8 किलोमीटर लंबा छह लेन वाला पुल है, जिसकी लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16.5 किलोमीटर और जमीन पर लगभग 5.5 किलोमीटर है। यह पुल मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को सीधा संपर्क प्रदान करेगा। साथ ही मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा के समय को भी कम करेगा। इससे मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच संपर्क में भी सुधार होगा।
